रायबरेली: अब माताओं के लिए रक्त तुरंत उपलब्ध, एफआरयू में शुरू हुई ब्लड स्टोरेज यूनिट

रायबरेली में मातृ स्वास्थ्य सुधार के लिए ऊंचाहार और बछरावां एफआरयू में ब्लड स्टोरेज यूनिट शुरू की गई है। अब प्रसवकालीन जटिलताओं में रक्त तुरंत उपलब्ध है और जिला अस्पताल की दौड़ की जरूरत नहीं। ऊंचाहार यूनिट से छह प्रसूताओं को रक्त दिया जा चुका है, बछरावां यूनिट मंगलवार से सक्रिय।

Raebareli: रायबरेली जिले ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। फर्स्ट रेफेरल यूनिट (एफआरयू) ऊंचाहार और बछरावां में ब्लड स्टोरेज यूनिट शुरू कर दी गई है। इससे प्रसवकालीन जटिलताओं में रक्त उपलब्ध कराने के लिए अब जिला अस्पताल की दौड़ लगाने की आवश्यकता नहीं है। मार्च में शुरू हुई ऊंचाहार यूनिट से अब तक छह प्रसूताओं को रक्त चढ़ाया जा चुका है, जबकि बछरावां यूनिट मंगलवार से सक्रिय हो गई।

महिलाओं की जान बचाने में मददगार सुविधा

खैरहरी गांव की 24 वर्षीय रानी के परिवार ने बताया कि प्रसव के बाद जब उन्हें रक्त चढ़ाने की आवश्यकता हुई, तो अस्पताल में ही रक्त उपलब्ध होने से वे निश्चिंत थे। यह सुविधा एफआरयू स्तर पर उपलब्ध होने से महिलाओं की जान बचाने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

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जिलाधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारियों की प्रतिक्रिया

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा ने कहा कि मातृ मृत्यु दर कम करने और आपात स्थिति में त्वरित उपचार सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। ब्लड स्टोरेज यूनिट के शुरू होने से गर्भवती और अन्य मरीजों का उपचार अब एफआरयू स्तर पर ही संभव हो गया है। पहले रेफरल के कारण समय और जोखिम दोनों बढ़ जाते थे।

एफआरयू में सुविधाएं और स्टाफ

ऊंचाहार एफआरयू में प्रशिक्षित स्टाफ, आधुनिक उपकरण और सुरक्षित रक्त भंडारण की पूर्ण व्यवस्था की गई है। जिले में कुल पांच एफआरयू हैं – बछरावां, ऊंचाहार, लालगंज, डलमऊ और सलोन, जिनमें से दो में ब्लड स्टोरेज यूनिट शुरू हो गई है, बाकी तीन के लिए प्रयास जारी हैं।

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उपलब्धियां और सेवाओं का विस्तार

एफआरयू ऊंचाहार में प्रतिमाह लगभग 194 प्रसव और औसतन 13 सिजेरियन होते हैं। ब्लड स्टोरेज यूनिट जीवन रक्षक सुविधा प्रदान कर रही है। बछरावां एफआरयू में पहले दिन ही 22 वर्षीय गर्भवती गुड़िया को हीमोग्लोबिन स्तर कम होने पर रक्त चढ़ाया गया, जिससे प्रसव सुरक्षित हुआ।

कैसे काम करती है यूनिट

ऊंचाहार यूनिट के नोडल प्रभारी डॉ. सुदेश के अनुसार, जिला अस्पताल से रक्त क्रॉस मैच कर सुरक्षित रूप से एफआरयू में रखा जाता है। मरीज को देने से पहले पुनः क्रॉस मैच और संक्रमण जांच की जाती है। स्टोरेज यूनिट में पांच सदस्यीय टीम तैनात है।

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लक्ष्य और भविष्य की दिशा

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद को घर के पास गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। एफआरयू पर ब्लड स्टोरेज यूनिट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्यक्रम को सुदृढ़ करेगी।

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 3 December 2025, 7:30 PM IST