

लखनऊ में बसपा की महारैली के दौरान मायावती द्वारा योगी सरकार की तारीफ किए जाने से यूपी की सियासत गर्मा गई है। इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने विपक्ष को डरा हुआ बताते हुए कहा कि डर से तानाशाह पैदा होते हैं। टिकैत ने विपक्ष की बिखरी स्थिति को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
राकेश टिकैत
Lucknow: लखनऊ में 9 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा आयोजित महारैली में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला। इस रैली में बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंच से योगी सरकार की सार्वजनिक रूप से सराहना की, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। विरोधियों ने मायावती के इस बयान को लेकर उन्हें निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने क्या कहा?
इस बयानबाजी के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विपक्ष की मौजूदा स्थिति पर तीखा हमला करते हुए कहा कि "विपक्ष डरा हुआ है और आपस में ही लड़ रहा है।" श्रावस्ती जिले के रत्नापुर गांव में आयोजित किसान हुंकार महापंचायत में पहुंचे टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "जब विपक्ष डर जाता है तो तानाशाह पैदा होते हैं और आज देश में यही हो रहा है।"
टिकैत ने विपक्ष को बताया बिखरा और कमजोर
राकेश टिकैत का कहना था कि बीजेपी ने विपक्ष को इस हद तक डरा दिया है कि वह न केवल जनता की लड़ाई लड़ने में असफल है, बल्कि अपने ही दलों के भीतर बिखराव और अंतर्विरोध का शिकार हो गया है। टिकैत ने कहा कि देश पर इस समय तानाशाहों और बड़े उद्योगपतियों का कब्जा हो गया है। उन्होंने कहा, “इनसे डटकर मुकाबला करना होगा, वरना जनता की आवाज कुचली जाती रहेगी।”
मायावती ने क्या कहा?
टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है जब मायावती ने अपनी रैली में योगी सरकार की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा था, “मैं वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार की बहुत-बहुत आभारी हूं, क्योंकि उन्होंने कांशीराम स्मारक स्थल के टिकटों से अर्जित पैसे को दबाने के बजाय उसके मरम्मत कार्यों में खर्च किया।” इस टिप्पणी को राजनीतिक विश्लेषक भाजपा के प्रति नरमी के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
बसपा की बदली रणनीति?
बसपा प्रमुख मायावती का यह बयान ना सिर्फ विरोधियों को चौंकाने वाला रहा, बल्कि कई राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे बसपा की रणनीति में बदलाव के तौर पर देखा है। लंबे समय से विपक्ष में रहते हुए भाजपा सरकार की आलोचना करती आईं मायावती द्वारा इस प्रकार की प्रशंसा को कई विपक्षी नेता ‘राजनीतिक गठजोड़ का संकेत’ भी मान रहे हैं।
मायावती के खिलाफ विपक्ष
हालांकि, बसपा की ओर से इस बयान पर कोई औपचारिक सफाई नहीं दी गई है, लेकिन विरोधियों की ओर से आलोचना तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों ने मायावती पर सत्ता के साथ समझौता करने का आरोप लगाया है।
किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में टिकैत का बयान अहम
राकेश टिकैत पिछले कुछ वर्षों में किसान आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे हैं। ऐसे में उनका यह बयान कि “डरा हुआ विपक्ष तानाशाहों को जन्म देता है” न केवल विपक्ष की नीतियों पर सवाल उठाता है, बल्कि देश की मौजूदा राजनीतिक दिशा पर भी चिंता व्यक्त करता है। टिकैत ने साफ कहा कि जब तक विपक्ष एकजुट नहीं होता, तब तक आम जनता के अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती। उन्होंने किसानों से भी आग्रह किया कि वे सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी लड़ाई लड़ें।