

फर्रुखाबाद में रामजीलाल सुमन पर हुए हमले के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सपा सुप्रीमो के आह्वान पर समाजवादियों का हल्ला बोल
फर्रुखाबाद: जिले में समाजवादी पार्टी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजीलाल सुमन पर हुए हमले के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के आह्वान पर किया गया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, इस प्रदर्शन में समाजवादियों ने फतेहगढ़ स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में जुटकर धरना और नारेबाजी की।
न्याय की मांग को लेकर समाजवादियों में पनपा आक्रोश
सपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजीलाल सुमन पर हुआ हमला लोकतंत्र और सामाजिक न्याय पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए प्रशासन को घेरने की रणनीति अपनाई। धरना प्रदर्शन के दौरान समाजवादी कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की "लोकतंत्र की हत्या नहीं सहेगा हिंदुस्तान", "रामजीलाल सुमन पर हमला बंद करो", "सपा कार्यकर्ताओं को न्याय दो" जैसे नारों से कलेक्ट्रेट परिसर गूंज उठा।
राष्ट्रपति को सौंपा संबोधित ज्ञापन
प्रदर्शन के उपरांत समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इस ज्ञापन में घटना की निंदा, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपते समय पार्टी के दो दर्जन से अधिक पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें स्थानीय नेता, पार्षद, युवा मोर्चा के सदस्य और अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल थे।
कई लोग रहें शामिल
धरने में सपा के कई विधायक, नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि जनता के हितों की अनदेखी हो रही है। समाजवादी पार्टी ने मांग की कि सुमन पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
अलीगढ़ में सांसद के काफिले पर हुआ था हमला
आपको बता दें कि बीते 28 अप्रैल को अलीगढ़ से गुज़र रहे समाजवादी पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हमला हुआ था। करणी सेना द्वारा सांसद के काफिले पर टायर और पत्थर फेंकने का आरोप है, जिसके बाद हड़कंप मच गया और कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं। करणी सेना ने सांसद को आगरा से बुलंदशहर जाने पर रास्ता रोकने की चेतावनी दी थी।