

बलिया जिला मुख्यालय पर डिपो निर्माण और लगातार हो रही ट्रैफिक समस्या को देखते हुए बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया गया है। अब बाहरी जिलों की रोडवेज बसें मुख्यालय तक नहीं आएंगी। यात्रियों को रसड़ा से छोटी बसों के माध्यम से मुख्यालय तक लाया जाएगा।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
Ballia: बलिया जिला मुख्यालय पर रोडवेज डिपो के निर्माण कार्य के बीच परिवहन विभाग ने यातायात व्यवस्था सुधारने की दिशा में एक बड़ा निर्णय लिया है। अब दूसरे जनपदों से आने वाली रोडवेज बसें बलिया जिला मुख्यालय तक नहीं आएंगी। इन्हें मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर पहले स्थित रसड़ा बस स्टेशन पर रोका जाएगा। यात्रियों को रसड़ा से बलिया मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए बलिया डिपो की छोटी बसों की व्यवस्था की जाएगी।
यह निर्णय बुधवार को एआरएम (सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक) प्रेमचंद द्वारा पत्रकारों को दी गई जानकारी में सामने आया। उन्होंने बताया कि बलिया डिपो के निर्माण कार्य के चलते डिपो परिसर का उपयोग पूरी तरह से संभव नहीं हो पा रहा है। इस कारण बसों को सड़कों पर खड़ा करना पड़ रहा है, जिससे हर दिन भीषण जाम की समस्या उत्पन्न हो रही थी।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
उन्होंने बताया कि मुख्यालय पर बाहरी डिपो की बसें देर रात तक खड़ी रहती हैं, जिससे सुबह के समय आजमगढ़, गोरखपुर और अन्य रूटों की बसों के संचालन में बाधा आती है। कई बार बस खड़ी करने को लेकर विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इसके साथ ही, तिराहे पर आने वाले निजी वाहनों से स्थिति और बिगड़ जाती है।
परिवहन विभाग ने इस समस्या के स्थायी समाधान के तौर पर फैसला लिया है कि जब तक डिपो का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक अन्य जिलों जैसे आजमगढ़, गोरखपुर, बनारस आदि से आने वाली बसें रसड़ा तक ही सीमित रहेंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए बलिया डिपो द्वारा छोटी बसों को रसड़ा स्टेशन से चलाया जाएगा, जिससे उन्हें मुख्यालय तक पहुंचने में कोई असुविधा न हो।
इस बाबत बलिया डिपो ने अन्य जिलों के डिपो प्रभारियों को पत्र जारी कर दिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि उनकी बसें मुख्यालय पर प्रवेश नहीं करेंगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग को उम्मीद है कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा, यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और डिपो निर्माण कार्य बिना बाधा के पूरा किया जा सकेगा। हालांकि, कुछ यात्रियों ने इस बदलाव को लेकर चिंता जाहिर की है, खासकर उन्हें जो सीधे मुख्यालय पहुंचने की योजना बनाते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अस्थायी व्यवस्था है और डिपो निर्माण पूरा होते ही पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।