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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ड्रॉप-ऑफ लेन की पार्किंग व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। नए शुल्क और नियम 26 दिसंबर 2025 से लागू हो चुके हैं। रेलवे का दावा है कि इससे यात्रियों की सुविधा और यातायात व्यवस्था दोनों बेहतर होंगी।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
New Delhi: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है। रोजाना लाखों यात्री यहां से सफर करते हैं, ऐसे में स्टेशन परिसर में गाड़ियों की आवाजाही को नियंत्रित करना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने ड्रॉप-ऑफ लेन की पार्किंग व्यवस्था में अहम बदलाव किए हैं। नए पार्किंग शुल्क और नियम शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 से लागू कर दिए गए हैं। रेलवे का कहना है कि इसका उद्देश्य स्टेशन परिसर में अनावश्यक भीड़ को कम करना और यात्रियों के लिए पिक-अप व ड्रॉप-ऑफ की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अक्सर देखने को मिलता था कि ड्रॉप-ऑफ लेन में गाड़ियां जरूरत से ज्यादा समय तक खड़ी रहती थीं। इससे न सिर्फ ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती थी, बल्कि असली यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता था। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, कई बार कमर्शियल वाहन और निजी गाड़ियां ड्रॉप-ऑफ जोन को अस्थायी पार्किंग की तरह इस्तेमाल करने लगती थीं। इसी वजह से नए नियम लागू कर यातायात को सुव्यवस्थित करने का फैसला लिया गया।
नई व्यवस्था के तहत रेलवे ने प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग शुल्क तय किए हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि स्टेशन परिसर का संतुलित और समान उपयोग हो सके। रेलवे का मानना है कि अलग-अलग कैटेगरी के रेट्स तय करने से ड्रॉप-ऑफ लेन का दुरुपयोग कम होगा और ट्रैफिक फ्लो बेहतर होगा।
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नए नियमों के मुताबिक, प्राइवेट गाड़ियों के लिए राहत की खबर है। ड्रॉप-ऑफ लेन में 0 से 8 मिनट तक प्राइवेट गाड़ियों से कोई भी पार्किंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसका फायदा उन यात्रियों को मिलेगा, जो सिर्फ किसी को छोड़ने या लेने के लिए थोड़े समय के लिए रुकते हैं। रेलवे का मानना है कि इससे आम यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
वहीं, कमर्शियल वाहनों के लिए नियम सख्त किए गए हैं। नए प्रावधान के तहत कमर्शियल गाड़ियों से 0 से 8 मिनट के लिए 30 रुपये का पार्किंग शुल्क लिया जाएगा। रेलवे का कहना है कि कमर्शियल वाहनों की संख्या अधिक होने की वजह से ड्रॉप-ऑफ लेन पर दबाव बढ़ता है, इसलिए उनके लिए यह शुल्क जरूरी किया गया है, ताकि यातायात का संतुलन बना रहे।
रेलवे ने यात्रियों को राहत देते हुए 15 से 30 मिनट की पार्किंग अवधि के शुल्क में कटौती की है। पहले इस अवधि के लिए 200 रुपये चार्ज किया जाता था, जिसे अब घटाकर 150 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला उन लोगों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है, जिन्हें किसी कारणवश थोड़ी देर स्टेशन पर रुकना पड़ता है।
30 से 60 मिनट की पार्किंग अवधि में रेलवे ने सबसे बड़ी राहत दी है। पहले 30 मिनट के बाद 500 रुपये का फ्लैट चार्ज लिया जाता था, जिसे अब घटाकर सिर्फ 200 रुपये कर दिया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि अनावश्यक आर्थिक दबाव न पड़े।
ड्रॉप-ऑफ लेन में 60 मिनट से ज्यादा समय तक गाड़ी खड़ी करने पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। नए नियमों के अनुसार, 60 मिनट से अधिक समय तक ठहराव की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई वाहन इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे टो कर लिया जाएगा और 300 रुपये का टोइंग चार्ज भी लगाया जाएगा। रेलवे ने साफ किया है कि यह कदम ड्रॉप-ऑफ लेन को अस्थायी पार्किंग बनने से रोकने के लिए उठाया गया है।
रेलवे प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्रॉप-ऑफ लेन पर लागू होने वाले सभी पार्किंग शुल्क GST सहित होंगे। यात्रियों और वाहन चालकों को इस बात का ध्यान रखने की सलाह दी गई है, ताकि बाद में किसी तरह का भ्रम न हो।