ABVP कार्यकर्ताओं को ‘गुंडा’ कहने पर मंत्री राजभर को नोटिस, 5 दिन में माफी नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर द्वारा ABVP कार्यकर्ताओं को ‘गुंडा’ कहने पर विवाद गहराता जा रहा है। गोंडा निवासी एबीवीपी कार्यकर्ता आदर्श तिवारी ने मंत्री को कानूनी नोटिस भेजकर 5 दिन के भीतर माफी की मांग की है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 5 September 2025, 3:45 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार मामला उनके बयान को लेकर है, जिसमें उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को 'गुंडा' कहा था। उनके इस बयान के खिलाफ ABVP कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गोंडा के रहने वाले ABVP कार्यकर्ता आदर्श तिवारी 'आज़ाद' ने मंत्री राजभर को कानूनी नोटिस भेजा है।

पांच दिन में माफी नहीं मांगी तो...

दरअसल, यह नोटिस वकील सिद्धार्थ शंकर दुबे और अनिमेष उपाध्याय के माध्यम से भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि मंत्री राजभर ने 3 सितंबर 2025 को दिए गए बयान में ABVP जैसे राष्ट्रव्यापी छात्र संगठन और उसके कार्यकर्ताओं को ‘गुंडा’ कहकर लोकतांत्रिक अधिकारों का अपमान किया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर मंत्री 5 दिनों के भीतर सार्वजनिक मंच पर माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाएगा और एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

ABVP की साख पर सवाल

नोटिस में कहा गया है कि ABVP देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जिसने शिक्षा सुधार और छात्र अधिकारों के लिए अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया है। ऐसे में इस संगठन के कार्यकर्ताओं को 'गुंडा' कहना उनकी प्रतिष्ठा और छवि पर सीधा हमला है।

लखनऊ में मंत्री आवास पर बवाल

इस बयान से नाराज़ ABVP कार्यकर्ताओं का गुस्सा बुधवार रात लखनऊ में मंत्री ओपी राजभर के आवास के बाहर फूट पड़ा। रात करीब 9 बजे भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री का पुतला दहन किया और आवास के बाहर ईंट-पत्थर, जूते-चप्पल फेंके। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को मौके पर बुलाया गया।

पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक और धक्कामुक्की भी हुई। कार्यकर्ता बार-बार मंत्री आवास के गेट पर चढ़ने की कोशिश करते रहे। इस हंगामे के बीच ABVP कार्यकर्ताओं ने जोर देकर मंत्री को बाहर आने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की।

वकील का बयान

वकील सिद्धार्थ शंकर दुबे ने कहा कि मंत्री का बयान न केवल संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली और संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि अगर मंत्री माफी नहीं मांगते तो कानूनी कार्रवाई के अलावा, मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाया जा सकता है।

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