

जिले में नगर निगम की सख्ती से हलचल बढ़ गई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
हाऊस टैक्स का नोटिस
कानपुर: आय बढ़ाने की रणनीति के तहत नगर निगम ने गृहकर वसूली को लेकर सख्त रुख अपनाया है। निगम ने शहर में गृहकर नहीं देने वाले एक लाख भवनों को चिह्नित कर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 70 हजार भवनों को नोटिस भेजी जा चुकी है, जबकि शेष 30 हजार को एक सप्ताह के भीतर नोटिस देने का निर्देश जारी किया गया है।
50 करोड़ रुपये की संभावित आय
इन एक लाख नए भवनों से नगर निगम को करीब 50 करोड़ रुपये की आय की संभावना है। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 513 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई थी। इस बार निगम ने वसूली लक्ष्य को बढ़ाकर 800 करोड़ रुपये कर दिया है। जिसे पूरा करने के लिए जोनवार भवनों की पहचान कर नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
पहले से कर दायरे में इतने भवन
वर्तमान समय में शहर के 4.55 लाख भवन गृहकर दायरे में हैं। पहले चरण में जिन एक लाख भवनों को नोटिस भेजी जा रही है, वे अब तक कर निर्धारण परिधि से बाहर थे। इसके अलावा आवासीय से व्यावसायिक उपयोग में परिवर्तित भवनों को भी चिन्हित कर अलग से व्यावसायिक कर नोटिस भेजी जा रही है।
पिछले बढ़े कर पर विरोध शुरू
नगर निगम की इस कार्रवाई के बीच विवाद भी खड़ा हो गया है। पार्षद नवीन पंडित, अवधेश त्रिपाठी, सोहेल अहमद, विवेक शर्मा, अरुण गर्ग और आदर्श गुप्ता ने नगर निगम की नीति का विरोध करते हुए कहा कि जनता को पिछले दो साल का बढ़ा हुआ गृहकर एक साथ लगाकर बिल भेजा जा रहा है, जो अनुचित है। उनका कहना है कि गृहकर वर्तमान से प्रभावी किया जाना चाहिए।
समस्या समाधान शिविर का आयोजन
गृहकर में गड़बड़ी और बढ़े बिलों को लेकर जनता की शिकायतों के समाधान के लिए नगर निगम ने बुधवार को सभी जोनल कार्यालयों में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक समस्या समाधान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस दौरान लोगों की शिकायतें सुनकर बिलों को दुरुस्त किया जाएगा।
प्रशासन का पक्ष
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि नए और व्यावसायिक उपयोग में बदले भवनों की पहचान की जा रही है। सभी करदाताओं से अपील की गई है कि वे समय से कर जमा करें। जिससे नगर निगम की आय बढ़े और शहर के विकास कार्यों को गति मिले।
निगम की सख्ती से बढ़ी हलचल
नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद शहर में हलचल तेज हो गई है। जिन लोगों को नोटिस मिले हैं, वे निगम कार्यालयों का रुख कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस कार्रवाई का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।