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महराजगंज में रेलवे की नई रेल लाइन परियोजना के भूमि अधिग्रहण में 42 लाख रुपये की चर्चित ठगी कांड में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई कर दी है। भूमि अध्यापित कार्यालय के बाबू आकाश कुमार उर्फ बादल को जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
बाबू आकाश कुमार उर्फ बादल सस्पेंड
Maharajganj: महराजगंज जनपद में रेलवे भूमि अधिग्रहण से जुड़े 42 लाख रुपये के चर्चित ठगी कांड में जिला प्रशासन ने कड़ा डंडा चलाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। यह मामला इतना संगीन था कि जांच पूरी होते ही जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने भूमि अध्यापित कार्यालय के चर्चित बाबू आकाश कुमार उर्फ बादल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह वही मामला है, जिसने महीनों से जिले में सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल रखी थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब सदर तहसील क्षेत्र के पकड़ी नौनिया निवासी मोहम्मद उमर खान ने 6 अक्टूबर को डीएम को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि हल्का लेखपाल, एसएलओ कार्यालय के बाबू और एक अन्य व्यक्ति ने उनसे जमीन की मालियत बढ़ाकर अधिक मुआवजा दिलाने का झांसा दिया। उसका लालच इतना बड़ा था कि पीड़ित और उसके परिवार को लगा कि मुआवजा बढ़ने पर काफी फायदा हो सकता है। इसी विश्वास में उमर खान ने तीन चेक, जिसमें अपने भाइयों मोहम्मद जहागीर खान से 15.78 लाख, मोहम्मद आमिर खान से 10.44 लाख और खुद से 15.78 लाख रुपये देकर कुल 42 लाख रुपये आरोपितों को सौंप दिए।
लेकिन यह सब एक सुनियोजित खेल था, एक ऐसी ठगी जिसने सरकारी तंत्र पर ही सवाल खड़ा कर दिया। ये सभी चेक प्रेमचंद नामक व्यक्ति के खाते में जमा किए गए और बाद में पूरी राशि निकाल ली गई। जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे तो आरोपितों ने न केवल धमकी दी बल्कि अभद्रता भी की, साफ कहा कि “जहां जाना है जाओ, कोई कुछ नहीं कर सकता।”
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शिकायत मिलते ही जिलाधिकारी ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया और उसकी जांच एडीएम न्यायिक नवनीत गोयल को सौंपी। कई सप्ताह चली जांच में बैंक स्टेटमेंट, चेक विवरण, पीड़ित के बयान और आरोपितों की गतिविधियों की गहन पड़ताल की गई। अंतत: जांच में तीन लोगों को दोषी पाया गया, जिसके बाद जांच रिपोर्ट डीएम कार्यालय को सौंपी गई है।
डीएम संतोष कुमार शर्मा ने कहा है कि दोषियों पर अब विभागीय और कानूनी दोनों स्तरों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। बाबू आकाश कुमार का सस्पेंशन इसी कार्रवाई का पहला चरण माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
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वहीं 42 लाख की ठगी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बुधवार को एक और महिला शकुंतला देवी सामने आईं और उन्होंने वही आरोप दोहराया। उनका कहना है कि रेलवे के एक अधिकारी और भूमि अधिग्रहण कार्यालय के इसी बाबू ने उनसे 10.70 लाख रुपये ले लिए। पीड़िता ने बैंक के सीसी कैमरे की फुटेज भी दिखाकर कार्रवाई की मांग की है। लगातार सामने आ रहे ठगी के मामलों ने रेलवे भूमि अधिग्रहण कार्यालय की कार्यशैली और वहां फैले भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।