

महराजगंज जिले के कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र पर भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर है। उपभोक्ताओं से मीटर बदलने के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है, जबकि ऑनलाइन शिकायतों का कोई समाधान नहीं हो रहा। इससे उपभोक्ता मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हैं।
विद्युत उपकेंद्र का बोर्ड
Maharajganj: जिले के कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र की कार्यप्रणाली इन दिनों उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। यहां अनियमितताओं, रिश्वतखोरी और कर्मचारियों की मनमानी के चलते आम जनता मानसिक और आर्थिक रूप से पीड़ित है। शिकायतों के बावजूद न अधिकारी सुनवाई कर रहे हैं और न ही कोई समाधान हो पा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बभनी खुर्द गांव के एक उपभोक्ता ने अपना खराब मीटर बदलवाने के लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद सोनू नामक युवक मीटर लेकर पहुंचा, लेकिन उसने मीटर लगाने के लिए 1000 रुपये की मांग की। जब उपभोक्ता ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो वह बिना मीटर लगाए यह कहकर चला गया कि “शाम को आकर लगाऊंगा।” लेकिन अब एक महीने से उपभोक्ता मीटर के लिए चक्कर काट रहा है।
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कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र में उपभोक्ताओं की ऑनलाइन दर्ज शिकायतों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा। अधिकांश मामलों में शिकायतों को बिना समाधान के ‘रिज़ॉल्व’ दिखा दिया जाता है। इससे विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब अधिकारी ही भ्रष्ट और लापरवाह होंगे, तो समाधान की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
ग्रामीणों और उपभोक्ताओं की मांग है कि कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र पर हो रहे भ्रष्टाचार पर तुरंत रोक लगे। कर्मचारियों के व्यवहार और कार्यप्रणाली की जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई हो और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत मीटर बदले जाएं। साथ ही, शिकायतों का समयबद्ध और वास्तविक समाधान सुनिश्चित किया जाए।
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इस मामले में जब कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र के जेई राकेश कुमार को दोपहर 1:54 बजे कॉल किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। यह रवैया दर्शाता है कि उपभोक्ताओं की समस्याएं उनके लिए प्राथमिकता में नहीं हैं। कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र की मनमानी और भ्रष्टाचार उपभोक्ताओं के लिए गंभीर समस्या बन चुका है। रिश्वतखोरी और लापरवाही को रोकने के लिए ग्रामीणों ने सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है। उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान और पारदर्शिता ही इस स्थिति को सुधार सकती है।