

नौतनवा क्षेत्र के सरकारी विद्यालय में चल रहे मरम्मत कार्य में जमकर अनियमितता बरती गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
विद्यालय मरम्मत कार्य में दिखी अनियमितता (सोर्स- रिपोर्टर)
महराजगंज: प्रदेश सरकार की मंशा है कि सरकारी विद्यालयों की दशा सुधार कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छा शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराया जाए। इसी उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों को सुंदरीकरण और बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन नौतनवां क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय निपनिया में इस उद्देश्य की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, वर्ष 2023-24 में विद्यालय के सुंदरीकरण के लिए भेजी गई 10 लाख 32 हजार रुपये की राशि में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार, इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई गई है, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। शिकायत के अनुसार, विद्यालय में पहले से कराए गए कार्यों को दोबारा दिखाकर फर्जी रूप से धन की निकासी कर ली गई है। जैसे, जिस रसोईघर का उल्लेख परियोजना में किया गया है, वह अब विद्यालय परिसर से ही गायब हो चुका है। बताया जा रहा है कि शिकायत के बाद संबंधित जिम्मेदारों ने आनन-फानन में साक्ष्य मिटाने का काम शुरू कर दिया। रसोईघर के लगभग 80 प्रतिशत मलबे को साफ कर दिया गया है ताकि जांच में कोई ठोस प्रमाण न मिल सके।
वहीं विद्यालय परिसर में लगी टूटी-फूटी टाइल्स और अधूरी संरचनाएं इस भ्रष्टाचार की पोल खोल रही हैं। स्थानीय पूर्व प्रधान और विद्यालय में कार्यरत एक सहायक अध्यापक ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि इन टाइल्स को वर्ष 2020 में ही ग्राम निधि से लगाया गया था, फिर भी इन्हें 2023-24 की योजना में दिखाकर दोबारा भुगतान ले लिया गया है।
इसके अलावा, आंतरिक विद्युतीकरण के नाम पर भी पुराने कार्य को फिर से दिखाकर धनराशि निकाली गई है। इतना ही नहीं, शिकायत में यह भी कहा गया है कि कोरोना काल में मिड-डे मील (MDM) योजना में आए धन का भी गबन किया गया है।
स्थानीय ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने शासन से मांग की है कि इस घोटाले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके और सरकारी धन का दुरुपयोग रोका जा सके।