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महराजगंज जिले के पनियरा ब्लॉक की बकैनिया हरैया ग्राम पंचायत में तहसील प्रशासन की जांच में 41 शिकायतों में भारी भ्रष्टाचार उजागर हुआ। फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव, मनरेगा घोटाला, पट्टा वितरण में गड़बड़ी और पीएम आवास योजना में धांधली जैसी अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा
Maharajganj: पनियरा ब्लॉक की बकैनिया हरैया ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और अवैधानिक कार्यों का मामला तहसील प्रशासन की जांच में उजागर हुआ है। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के आदेश पर जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा के देखरेख में हुए निरीक्षण और अभिलेखीय सत्यापन में 41 शिकायतों की गंभीर पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव, मनरेगा में फर्जी भुगतान, पट्टा वितरण में गड़बड़ी, पीएम आवास योजना में धांधली और विकास कार्यों में घटिया गुणवत्ता जैसी कई अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जांच में पाया गया कि ग्राम सभा की बैठकें कई बार आयोजित ही नहीं हुईं, फिर भी रजिस्टर में प्रस्ताव दर्ज कर बजट पारित दिखा दिया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधान और सचिव ने फर्जी दस्तावेज बनाकर योजनाओं के करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किया।
भूमि विवाद और पट्टा वितरण में भी अनियमितताएं सामने आईं। पात्र परिवारों को पट्टा नहीं मिला और कई जमीनों पर अवैध कब्जा हुआ। राजस्व अभिलेखों में बदलाव कर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई। मनरेगा योजना में कई ऐसे कार्य पाए गए जिनका भौतिक अस्तित्व नहीं था, फिर भी भुगतान रिकॉर्ड में दर्ज था। मजदूरों की उपस्थिति मनमाने ढंग से भरी गई और कई मजदूरों के नाम पर मजदूरी निकाल ली गई।
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प्रधानमंत्री आवास योजना में भी गंभीर अनियमितता हुई। पात्र गरीबों के नाम हटाकर अपात्र लोगों को लाभ दिया गया। कई घर अधूरे पाए गए, लेकिन भुगतान पूरा कर लिया गया। विकास कार्यों जैसे सड़क, नाली और पेयजल योजनाओं में न्यूनतम गुणवत्ता पाई गई।
जांच रिपोर्ट एसडीएम से लेकर जिला प्रशासन तक भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक प्रधान और सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने FIR दर्ज करने, सचिव को हटाने और सभी विकास कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा अब कड़ी कार्रवाई करेंगे और दोषियों को न्याय मिलेगा। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से दबे भ्रष्टाचार के मामले में अब कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि पंचायत स्तर पर किसी को कानून से ऊपर होने का भरोसा न मिले। ग्रामीणों की प्रमुख मांगें हैं कि दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए, सचिव को तत्काल हटाया जाए, सभी विकास कार्यों का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए, मनरेगा, पीएम आवास और पंचायत निधि के सभी भुगतान की ऑडिट कराई जाए।