Lucknow News: किसानों की मेहनत लाई रंग, अब नहीं रहेगी ये चिंता; होगा बड़ा फायदा

उत्तर प्रदेश में किसानों की बल्ले बल्ले होने वाली है। किसानों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 11 June 2025, 8:34 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों की मौज होने वाली है। क्योकि किसानों के लिए राहत की खबर सामने आई है। बता दें कि, राज्य में मूंग और मूंगफली की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करने की केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले से किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। इस फैसले से खास तौर पर जायद सत्र में खेती करने वाले लाखों किसानों को उनकी फसल का निश्चित मूल्य मिलने का रास्ता साफ हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति से लिया गया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की पहल पर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

जायद 2024–25 में खरीद का लक्ष्य

सरकारी योजना के अनुसार, इस बार जायद सत्र में मूंग की कुल 34,720 मीट्रिक टन और मूंगफली की 50,750 मीट्रिक टन तक खरीद की जाएगी। यूपी में इस सीजन में मूंग की खेती 1.60 लाख हेक्टेयर और मूंगफली की खेती 1.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की गई है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इन दोनों फसलों की भरपूर उपज को देखते हुए MSP पर खरीद की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है।

जरूरत पड़ने पर बढ़ेगी खरीद सीमा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वस्त किया है कि अगर आवश्यकता पड़ी, तो खरीद की निर्धारित मात्रा को और भी बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि उड़द की MSP पर खरीद का प्रस्ताव भेजा जाता है, तो उस पर भी तेजी से निर्णय लिया जाएगा।

मक्का को भी MSP में लाने की मांग

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि मक्का की फसल, जो कि इस समय प्रदेश के 4.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई है, उसे भी MSP के दायरे में लाया जाए। इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी का रास्ता मिलेगा।

यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब किसान फसल की तुड़ाई और मंडी में बिक्री की तैयारियों में लगे हुए हैं। केंद्र सरकार का यह फैसला निश्चित तौर पर राज्य के किसानों के बीच सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा।

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