

जनपद में सोमवार को लेखपालों ने एकजुट होकर हापुड़ जनपद में कार्यरत अपने साथी सुभाष मीणा की मौत को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से सौंपा। लेखपालों का आरोप है कि सुभाष मीणा की मृत्यु जिला अधिकारी द्वारा किए गए मानसिक उत्पीड़न और अपमानजनक व्यवहार के कारण हुई, जिससे वह अत्यधिक तनाव में थे।
लेखपालों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
Maharajganj: जनपद में सोमवार को लेखपालों ने एकजुट होकर हापुड़ जनपद में कार्यरत अपने साथी सुभाष मीणा की मौत को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से सौंपा। लेखपालों का आरोप है कि सुभाष मीणा की मृत्यु जिला अधिकारी द्वारा किए गए मानसिक उत्पीड़न और अपमानजनक व्यवहार के कारण हुई, जिससे वह अत्यधिक तनाव में थे।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ज्ञापन में लेखपालों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि कार्यस्थल पर लगातार हो रहे अमानवीय व्यवहार का परिणाम है। उन्होंने मृतक के आश्रित को आर्थिक सहायता और उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और पूरी घटना की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कर उसकी रिपोर्ट शीघ्र सार्वजनिक करने की मांग रखी है।
लेखपालों का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में राजस्व कर्मचारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार एक आम बात होती जा रही है। अधिकारियों के दबाव, अपशब्दों और अनावश्यक कार्यभार के चलते कर्मचारी मानसिक रूप से टूटते जा रहे हैं। इस घटना ने पूरे लेखपाल समाज को झकझोर दिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कार्यस्थल पर गरिमा और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करना अनिवार्य हो गया है।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रमुख लेखपालों में अशोक कुमार त्रिपाठी, मदन गोपाल और ऋषिकेश शर्मा शामिल रहे। इनके साथ अमित पटेल, सुनील कुमार समेत कई अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। महिला लेखपालों में तारामती, महिमा पाण्डेय और शीला चौधरी भी इस अवसर पर मौजूद रहीं। सभी ने सुभाष मीणा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों को न्याय दिलाने की मांग को दोहराया।
लेखपालों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस प्रकरण में त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी केवल कार्यभार नहीं, बल्कि सम्मान भी चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना शासन की जिम्मेदारी है।