

गोरखपुर के महुआडाबर में बुधवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान मारपीट की खबर सामने आयी है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, लालचन्द निषाद पक्ष के लोग पारंपरिक रूप से मूर्ति विसर्जन के लिए निकले थे, तभी अचानक मारपीट की घटना घटी।
गोरखपुर में मूर्ति विसर्जन के दौरान मारपीट
Gorakhpur: खजनी थाना क्षेत्र के महुआडाबर चौकी अंतर्गत तालनवर गांव में बुधवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान विवाद की स्थिति पैदा हो गई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, लालचन्द निषाद पक्ष के लोग पारंपरिक रूप से मूर्ति विसर्जन के लिए निकले थे, तभी अचानक मारपीट की घटना घटी। घटना की शुरूआत एक महिला के साथ कथित छेड़खानी की अफवाह से हुई।
बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति नशे की हालत में महिला के साथ छेड़खानी कर रहा था, जिसे लेकर वहां उपस्थित लोगों में गुस्सा भड़क गया और विवाद ने मारपीट का रूप ले लिया।
इस विवाद में करीब 4 से 5 लोग घायल हुए हैं। हालांकि, घटना के तुरंत बाद महुआडाबर चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह और उनकी पुलिस टीम मौके पर पहुँच गई और किसी तरह मामले को नियंत्रित किया। उन्होंने लोगों को समझाया और मामले को शांत कराया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया पूरी हो सकी।
महुआडाबर चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह ने बताया कि विवाद की शुरुआत झूठी अफवाह से हुई थी। उन्होंने कहा, “लालचन्द निषाद पक्ष के लोग शांतिपूर्वक मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे थे। किसी ने महिला के साथ छेड़खानी की झूठी अफवाह फैला दी, जिससे मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसमें 4-5 लोग घायल हुए हैं, जिनका नाम अभी पता नहीं चल पाया है। मामले को तुरंत शांत कराया गया और मूर्ति विसर्जन पूरी तरह संपन्न हो गया।”
अभिषेक सिंह ने आगे कहा कि अभी तक किसी व्यक्ति ने इस घटना की तहरीर पुलिस को नहीं दी है। पुलिस अपनी तरफ से मामले की पूरी जांच कर रही है और मामले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की।
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मूर्ति विसर्जन के दौरान विवाद हुआ है, लेकिन इस बार पुलिस की तत्परता और समझदारी की वजह से बड़ी हिंसा होने से बच गई। ग्रामीणों ने कहा कि भविष्य में सभी को संयम रखने और अफवाहों से बचने की आवश्यकता है।
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इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि त्योहार और परंपराओं के दौरान थोड़ी भी अफवाहें कितनी बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। वहीं पुलिस की त्वरित कार्रवाई और शांतिपूर्ण समझौते ने स्थिति को गंभीर होने से रोका।