

यूपी के जालौन में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 38वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 38वीं पुण्यतिथि
उरई (जालौन): उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद में राष्ट्रीय लोकदल कार्यकर्ताओं ने मेला ग्राउंड पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न, किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की 38वीं पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने चौधरी साहब के चित्र पर माल्या अर्पण किया।
चौधरी चरण सिंह ने जीवन भर किया कार्य
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दौरान रालोद बुंदेलखंड क्षेत्रीय महासचिव संगठन मनोज बुधौलिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ लियाक़त अली, विपिन शिवहरे जिलाध्यक्ष ने सयुंक्त रूप से कहा कि चौधरी साहब ने किसान कल्याण, ग्रामीण भारत के समग्र उत्थान एवं वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए जीवन भर कार्य किया।
किसानों को लेकर चौधरी चरण सिंह की राय
चौधरी चरण सिंह का मानना था कि समृद्ध किसान और सशक्त कृषि व्यवस्था मजबूत भारत के आधार है। उन्होंने देश के किसानों को मान सम्मान से जीना सिखाया ऐसे महान देवता, महापुरुष को कोटि कोटि नमन करते है।
इस अवसर पर उपस्थित रहे ये लोग
इस मौके पर विपिन शिवहरे जिलाध्यक्ष नगर अध्यक्ष अनिल दिक्षित नौशाद खान क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक उस्मान मंसूरी, जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अनीता पांडेय, ज्योति बाथम, रविंद्र सिंह, गुड्डू, मुस्तकीम, वीरेन, गुलशन, सनी, पंकज शुक्ला, कुलदीप, नितिन आदि लोग उपस्थित रहे।
चौधरी चरण सिंह का राजनीतिक जीवन और करियर
चौधरी चरण सिंह एक प्रमुख भारतीय राजनेता और देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वह एक सच्चे किसान नेता थे जिन्होंने किसानों के हितों के लिए काम किया। ऐसे में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
चौधरी चरण सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1930 के दशक में की। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और बाद में भारतीय लोक दल के नेता बने। इन्होंने शिक्षा मेरठ और आगरा विश्वविद्यालय से प्राप्त की और कानून की पढ़ाई पूरी होने के बाद वकालत करने लगे। चौधरी चरण सिंह ने 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
चौधरी चरण सिंह की प्रमुख उपलब्धियां
1. किसानों के लिए नीतियां: उन्होंने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाईं, जैसे कि कृषि ऋण माफी और किसानों के लिए आर्थिक सहायता।
2. भूमि सुधार: उन्होंने भूमि सुधार के लिए काम किया और किसानों को उनकी जमीन के अधिकार दिलाने के लिए प्रयास किया।
3. किसानों के मसीहा: उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने किसानों के हितों के लिए निरंतर काम किया।