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महोबा के पवा गांव में दो दिन से लापता शिक्षामित्र शंकरलाल का शव कुएं में मिला। परिजनों ने SIR कार्य के अत्यधिक दबाव को मौत की वजह बताया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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Mahoba: महोबा जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र के पवा गांव में उस समय सनसनी फैल गई, जब सोमवार शाम से लापता चल रहे 50 वर्षीय शिक्षामित्र शंकरलाल राजपूत का शव गांव के बाहर स्थित एक कुएं में मिला। सुबह ग्रामीणों ने कुएं में शव देखा, जिसके बाद तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों की मदद से शव को बाहर निकलवाया और पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
शंकरलाल पवा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर तैनात थे। परिजनों के अनुसार वे बीते दो दिनों से घर नहीं लौटे थे। सोमवार शाम घर से निकले तो परिवार को उम्मीद थी कि वे रोज की तरह वापस आएंगे, लेकिन देर रात तक भी उनके लौटने का कोई पता नहीं चला। बुधवार सुबह शव मिलने की सूचना ने पूरे गांव समेत विद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों को सदमे में डाल दिया।
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SIR कार्य के दबाव का परिवार ने लगाया आरोप
मृतक की पुत्री अंजनी ने आरोप लगाया कि उनके पिता पिछले कई दिनों से अत्यधिक मानसिक तनाव में थे। वे अक्सर बताते थे कि SIR (Systematic Information Revision) कार्य के दौरान अधिकारियों द्वारा बहुत ज्यादा फॉर्म भरने का दबाव डाला जा रहा है। अंजनी के अनुसार, "पिताजी रात को भी ठीक से सो नहीं पा रहे थे। वे कहते थे कि अगर काम जल्दी पूरा नहीं किया तो ऊपर से फटकार लगेगी।"
मृतक के भतीजे बृजेंद्र और जितेंद्र ने भी इसी बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि शंकरलाल को रोजाना 100 से अधिक फॉर्म भरने का लक्ष्य दिया गया था, जो किसी भी कर्मचारी की क्षमता से कई गुना ज्यादा है। उनका कहना है कि लगातार दबाव और काम की मात्रा के कारण शंकरलाल मानसिक रूप से टूटते जा रहे थे।
बीएलओ भी बोले- SIR का दबाव बेहद अधिक
ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) बृजेंद्र सिंह ने भी स्वीकार किया कि SIR कार्य में कार्यभार बेहद अधिक है। उन्होंने बताया कि 1344 मतदाताओं की जानकारी जुटाने का काम उन्हें और शंकरलाल को सौंपा गया था। घर-घर जाकर फॉर्म भरते समय कई बार लोगों की नाराजगी, सवाल-जवाब और अभद्र भाषा का सामना करना पड़ता था, जिससे तनाव और बढ़ जाता था।
बृजेंद्र का कहना है कि "काम बहुत ज्यादा है और समय कम। कई बार लोग सहयोग नहीं करते, उल्टा बहस करते हैं। ऐसे में मानसिक दबाव होना स्वाभाविक है।"
स्कूल प्रधानाचार्य ने भी माना, पढ़ाई पर पड़ रहा असर
प्राथमिक विद्यालय पवा के प्रधानाचार्य नूतन कुमार मिश्रा ने स्वीकार किया कि SIR कार्य के कारण स्कूल के शिक्षकों पर पिछले कई दिनों से काम का अत्यधिक बोझ है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और सहायक कर्मचारी भारी दबाव में काम कर रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी
श्रीनगर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक मौत के कारणों के बारे में पुलिस ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन परिजनों का साफ आरोप है कि सरकारी कार्य के दबाव के कारण ही शंकरलाल ने यह कदम उठाया।