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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि मरीज को किसी भी दवा स्टोर से दवा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। नियमों के उल्लंघन पर पंजीकरण निरस्त और कानूनी कार्रवाई होगी।
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Lucknow: मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अशोक कटारिया ने जिले के निजी अस्पतालों और चिकित्सकों के लिए कठोर निर्देश जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी डॉक्टर या अस्पताल मरीज को अपने मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ऐसा करने पर अस्पताल का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है और चिकित्सक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
सीएमओ ने बताया कि जिले में करीब 1400 पंजीकृत निजी चिकित्सक और लगभग 300 पंजीकृत निजी अस्पताल के साथ नर्सिंग होम हैं। उन्होंने 13 महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर अस्पतालों को निर्देश दिए हैं, जिससे मरीजों का हक सुरक्षित रहे और अस्पताल संचालन में पारदर्शिता बनी रहे।
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इन निर्देशों के अनुसार अब हर अस्पताल में यह सुस्पष्ट बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा कि मरीज अपनी मर्जी से किसी भी दवा की दुकान से दवा ले सकता है। इसके अलावा, एक्सपायरी या निकट एक्सपायरी दवाओं का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। अस्पताल यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाहरी एंबुलेंस चालक या दलाल मरीजों के साथ किसी तरह की दलाली न करे।
मुख्य द्वार पर पीला बोर्ड लगाने की शर्त भी लगाई गई है। बोर्ड पर हिंदी में अस्पताल का पंजीकरण नंबर, संचालक का नाम, बेड संख्या, चिकित्सा पद्धति, उपलब्ध सेवाएं और सभी डॉक्टर-नर्सों की पूरी सूची स्पष्ट रूप से लिखी होगी। इसके अलावा रेफर सिस्टम और रिकॉर्ड रखने में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत हायर सेंटर रेफर करना होगा और अनावश्यक भर्ती कर पैसा वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ ने निर्देश दिए कि सभी मरीजों का रिकॉर्ड अपडेट रखा जाएगा, जिसमें इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम और मुहर अनिवार्य होगी। इसके साथ ही अस्पतालों में ऑपरेशन और सेवाओं की अनुमानित रेट-लिस्ट मुख्य द्वार पर चस्पा करना अनिवार्य होगा। बिना रेट-लिस्ट के अस्पताल चलाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
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पंजीकरण में दर्ज सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हमेशा उपस्थित रहेंगे। किसी भी नए डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ के जुड़ने या हटने की जानकारी तुरंत सीएमओ कार्यालय को सूचित करनी होगी। सभी कर्मचारी केवल निर्धारित यूनिफॉर्म में ही ड्यूटी करेंगे।
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को पूरी तरह निशुल्क और बिना परेशान किए इलाज करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा, सभी अस्पतालों में साफ-सफाई, पर्याप्त पार्किंग और संक्रमण नियंत्रण के मानक बनाए रखना अनिवार्य होगा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए केवल पंजीकृत एजेंसी के सुरक्षाकर्मी ही तैनात होंगे।
सीएमओ ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य मरीजों के अधिकारों की रक्षा करना और अस्पतालों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि किसी भी उल्लंघन की स्थिति में कानूनी कार्रवाई और पंजीकरण निरस्तीकरण किया जाएगा। जिले के अस्पतालों और चिकित्सकों को इन निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।