

हरदोई पुलिस ने फरवरी में हुई चोरी का खुलासा करते हुए तीन शातिर चोर को गिरफ्तार किया है, नकदी और आभूषण भी बरामद किया। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ का पूरी खबर
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
हरदोई: कोतवाली शहर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए न्यू सिविल लाइन कॉलोनी में फरवरी महीने में हुई चोरी के मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनके पास से 1.96 लाख रुपये नकद, एक सोने का लॉकेट और 24 ग्राम पिघली हुई पीली धातु (संभावित सोना) बरामद किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 22 फरवरी को पीड़ित अम्बुज कुमार ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके घर में अज्ञात चोरों ने घुसकर नगदी और कीमती आभूषण चुरा लिए हैं। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 317 (2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
कोतवाली शहर पुलिस ने गंभीरता से जांच करते हुए तकनीकी साक्ष्य और मुखबिरों की सूचना के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए चोरों की पहचान भानू निवासी रेलवेगंज, अंकित निवासी चीलपुरवा और आशीष सिंह उर्फ बाबा निवासी समरई, लखीमपुर खीरी के रूप में हुई है।
प्रतीकात्मक छवि (फाटो सोर्स- इंटरनेट)
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी भानू के खिलाफ पहले से चोरी के चार मामले दर्ज हैं। वहीं, अंकित पर गैंगस्टर एक्ट समेत तीन गंभीर आपराधिक मामले पहले से लंबित हैं। तीसरा आरोपी आशीष सिंह उर्फ बाबा भी आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रहा है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ में चोरी की घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली है। चोरी की गई संपत्ति में कुछ आभूषणों को पिघला दिया गया था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।
एसपी हरदोई ने टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है और कहा है कि, पुलिस अब इन अपराधियों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगालकर आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर रही है।
हरदोई पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक पुरानी चोरी की गुत्थी सुलझाने में कामयाब रही है, फिलहाल तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजे जा चुके हैं और पुलिस आगे की पूछताछ में यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या ये किसी बड़े चोरी के गिरोह से जुड़े हुए हैं या इनकी संलिप्तता अन्य घटनाओं में भी रही है।
पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें इन आरोपियों के संबंध में और कोई जानकारी हो या वे किसी अन्य अपराध का शिकार हुए हों तो पुलिस से संपर्क करें, ताकि मामले की तह तक पहुँचा जा सके।