

हरदोई में एशिया कप फाइनल से पहले हिंदू और मुस्लिम समुदाय दोनों ने भारतीय टीम की जीत के लिए पूजा‑अर्चना और दुआएं कीं। शहर में उत्साह और राष्ट्रीय भावना प्रबल है, साथ ही संयम और सौहार्द बनाए रखने का संदेश भी दिया जा रहा है।
हरदोई में जीत की एक ही दुआ
Hardoi: आज भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का फाइनल खेला जा रहा है और हरदोई शहर में इस मुकाबले को लेकर जोश-उत्साह का माहौल है। शहर के कई इलाकों में लोग अलग‑अलग ढंग से भारतीय टीम की जीत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। कुछ लोग मंदिरों और पंडालों में माँ दुर्गा व अन्य देवी-देवताओं के समक्ष पूजा‑अर्चना कर रहे हैं, तो वहीं कुछ मुस्लिम भाई मस्जिदों और घरों में अल्लाह से टीम को सफलता की दुआ मांग रहे हैं।
हरदोई में यह नजारा सुबह से ही देखने को मिल रहा था। वीरांगना सामाजिक सेवा संस्थान की अध्यक्ष सुहाना जैन और अन्य महिलाओं ने स्थानीय मंदिर में विशेष हवन‑पूजा कर टीम के लिए आशीर्वाद और सफलता की कामना की।
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पूजा के दौरान महिलाएं और युवा भावभीनी प्रार्थनाएँ कर रहे थे और टीम के लिए सकारात्मक ऊर्जा की कामना कर रहे थे। मंदिर के बाहर कुछ युवाओं ने टीम के नाम के फूल‑माला और तिलक भी चढ़ाया।
दूसरी ओर शहर के कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भी मैदान से पहले मस्जिदों में इकट्ठा होकर नमाज़ और दुआएं कर रहे थे। आरिफ खान शानू ने बताया कि वे और उनके दोस्त अल्लाह से भारतीय टीम की जीत के लिए अच्छी सेहत और सफलता की दुआ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम सब यहाँ एक ही भावना से आए हैं देश की जीत की कामना। खेल के मैदान में जीत किसी भी प्रकार के द्वेष को समाप्त कर देती है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि क्रिकेट जैसे खेल राष्ट्रीय भावना को जागृत करते हैं और एक बड़ी समस्या, जैसे कि परीक्षा या अर्थव्यवस्था नहीं, इस तरह के आयोजन में सामूहिक उत्साह देखने को मिलता है। कई जगहों पर पड़ोसी‑मित्र मिलकर टीवी पर मैच देख रहे हैं, दुकानें थमी हुई हैं और सड़कों पर बेटी‑बेटे, बुजुर्ग और बच्चे मिलकर टीम के जीत की कामना कर रहे हैं।