

हमीरपुर जिले के ऐंझी गांव में कच्ची दीवार गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। दो दिन बाद महिला के घर में शादी होने वाली थी, लेकिन यह दुखद हादसा पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल गया। परिवार के सदस्यों ने तुरंत महिला को अस्पताल पहुंचाया।
कच्ची दीवार गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत
Hamirpur: मुस्करा थाना क्षेत्र स्थित ऐंझी गांव में गुरुवार को तेज बारिश के कारण एक कच्ची दीवार गिरने से एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। यह दुखद घटना उस समय हुई जब महिला अपने घर में अकेली थी और दीवार गिरने के कारण वह मलबे में दब गई। परिवार के सदस्य जब मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने महिला को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी थी।
मुस्करा थाना क्षेत्र के ऐंझी गांव में मंगलवार रात से ही मूसलधार बारिश हो रही थी। तेज बारिश के कारण कई घरों की कच्ची दीवारों पर दबाव बढ़ गया, जो अंततः कमजोर हो गईं। रामकली देवी, जो अपने घर में अकेली थीं, उस समय बिस्तर पर लेटी हुई थीं। अचानक दीवार गिरने से वह मलबे में दब गईं। उनका घर कच्चा था, और दीवारों में मजबूती की कमी थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि दीवार गिरने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 9, 2025
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह दीवार बहुत पुरानी थी और कई बार बारिश में उसकी हालत खराब हो चुकी थी। हालांकि, घर में सुधार का काम नहीं किया गया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ। परिवार के सदस्य जैसे ही घटना का शिकार हुई महिला को देखे, वे तुरंत उसे मलबे से निकालने के लिए दौड़े। आनन-फानन में महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्करा ले जाया गया, लेकिन महिला की स्थिति गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उसे उरई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
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घटना स्थल पर जुटी ग्रामीणों की भीड़
जब महिला को उरई मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था, तब उसकी हालत और बिगड़ गई और रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। परिवार वालों का कहना है कि महिला के घर में दो दिन बाद एक शादी होने वाली थी। यह हादसा न केवल दुखद था बल्कि परिवार के लिए एक बड़ा सदमा था, क्योंकि वे खुशियों के पल में थे। अब उनके घर में केवल शोक की लहर दौड़ गई है।
घटना के बाद गांव में शोक की लहर फैल गई। गांववासियों का कहना है कि बार-बार की बारिश और कमजोर दीवारों की स्थिति के कारण यह हादसा हुआ। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत और प्रशासन ने कभी इस दिशा में ध्यान नहीं दिया, न ही कच्ची दीवारों की मरम्मत की गई। अब ग्रामीण यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार और प्रशासन इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए कोई कदम उठाएंगे।
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सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने भी घटना पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में कच्चे घरों की संख्या बहुत अधिक है, और बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह कच्चे घरों और दीवारों की स्थिति पर नजर रखें और जरूरी कदम उठाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसे न हों।