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केंद्र और प्रदेश सरकार की हर पात्र परिवार को आवास देने की योजना कही- कही विफल साबित हो रही। अभी भी कई गांवों में दर्जनों ऐसे लाभार्थी आवास योजना से वंचित हो जा रहे। जिससे मजबूरन परिवार को झोपड़ी में रहकर आधी- तूफान, गर्मी -बरसात का दंश झेलना पड़ रहा।
महराजगंज से सामने आई आवास योजना की जमीनी हकीकत
Lakshmipur (Maharajganj): केंद्र और प्रदेश सरकार की हर पात्र परिवार को आवास देने की योजना कही- कही विफल साबित हो रही। अभी भी कई गांवों में दर्जनों ऐसे लाभार्थी आवास योजना से वंचित हो जा रहे। जिससे मजबूरन परिवार को झोपड़ी में रहकर आधी- तूफान, गर्मी -बरसात का दंश झेलना पड़ रहा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार लक्ष्मीपुर ब्लॉक अंतर्गत जंगल के किनारे बसे रिशालपुर भोतहा गांव में निवासी विकास के परिवार में मां बाप तीन भाई है। एक भाई शादीशुदा है। परिवार के पास थोड़ी सी कृषि भूमि है। दैनिक मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण होता है। विकास की बूढ़ी मां शांति देवी ने बताया कि बड़े लड़के की शादी तो हो गई।
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किसी तरह झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे हैं। बाकी दोनों लड़के भी शादी की उम्र हो गई है, लेकिन कोई दूसरा आशियाना न होने के कारण उनकी शादी नहीं हो पा रही। अगर उन्हें आवास मिला होता तो दो कमरे बन जाते। जिससे परिवार को छत भी नसीब होती और दोनों लड़को की शादी भी हो जाती।
परिवार के पास एक झोपड़ी है, जिसके अंदर चूल्हे पर खाना पकता है। झोपड़ी पर किसी तरह पन्नी तानकर गुजर बसर चल रहा। परिवार ने बताया कि आंधी और बरसात में बहुत दिक्कते झेलनी पड़ती है।
परिवार के लोगों ने बताया की उन्हें आवास सर्वे योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। गांव के किसी जिम्मेदारों ने उन्हें इसके बारे में बताया भी नही। ये पंचवर्षीय कार्यकाल अब बीतने भी वाला है। उन्हें कोई उम्मीद दिखती नज़र नहीं आ रही।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ये इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। जागरूकता का अभाव कहे या गांव की राजनीति, अब भी कई गांवों में आवास के ऐसे पात्र लोग है जिन्हे छत नसीब नहीं हुआ है। ना ही इस साल हुए आवास सर्वे में शामिल हो पाए है। गांव के जिम्मेदारों को चाहिए की पंचायत भवन पर बैठकर जागरूकता अभियान चला कर, आवास के पात्र लोगों का सर्वे कराते ताकि पात्र परिवार छुट्ने नहीं पाता।