गोरखपुर: यूरिया खाद का हादसा: ट्रेलर पलटा, सैकड़ों बोरी पानी में डूबीं, मचा हड़कंप

(गोलाबाजार) रविवार को उरुवा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब यूरिया खाद से लदा एक ट्रेलर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गया। गनीमत रही कि कोई जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन 675 बोरी खाद पानी में बहकर पूरी तरह बर्बाद हो गई। पढिए पूरी खबर

गोरखपुर:  (गोलाबाजार) रविवार को उरुवा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब यूरिया खाद से लदा एक ट्रेलर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गया। गनीमत रही कि कोई जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन 675 बोरी खाद पानी में बहकर पूरी तरह बर्बाद हो गई। यह घटना न सिर्फ सड़कों की बदहाली को उजागर करती है, बल्कि किसानों की जरूरी आपूर्ति पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। ट्रेलर चालक की जान बाल-बाल बची, लेकिन खाद की बर्बादी ने स्थानीय किसानों में हड़कंप मचा दिया।

कैसे हुआ यह दर्दनाक वाकया?

खलीलाबाद से रवाना हुआ ट्रेलर (UP53 JT 7635) कुल 900 बोरी यूरिया खाद लेकर चार साधन सहकारी समितियों—बरपारमाफी, हर्रेडाड, महिलवार और दुघरा—की ओर जा रहा था। हर्रेडाड समिति पर 225 बोरी उतारने के बाद, ट्रेलर बरपारमाफी की तरफ मुड़ रहा था। रामजानकी मार्ग पर उरुवा-गोला रोड से समिति की ओर जाते हुए अचानक संतुलन बिगड़ गया। ट्रेलर दाहिनी ओर गहरे गड्ढे में जा गिरा, और देखते ही देखते सैकड़ों बोरी खाद पानी में डूब गईं।

ट्रेलर चालक की कहानी:

40 वर्षीय हरि सिंह, पुत्र लक्ष्मण सिंह, उत्तराखंड निवासी, ट्रेलर चला रहे थे। उन्होंने बताया, "मैंने ब्रेक लगाया, लेकिन सड़क की खराब हालत ने सब बिगाड़ दिया। जिंदगी बच गई, वरना हादसा और भी भयानक हो सकता था।" हरि सिंह को कोई चोट नहीं आई, लेकिन सदमे में वे अभी भी हैं।

खाद की बर्बादी: कुल 675 बोरी पानी में गिरकर गल गईं। मजदूरों ने पानी से भीगी 306 बोरी किसी तरह निकालीं और बरपारमाफी समिति तक पहुंचाईं, लेकिन बाकी पूरी तरह अनुपयोगी हो गईं। समिति प्रबंधकों ने चिंता जताई कि इससे किसानों को समय पर खाद मिलने में देरी हो सकती है, खासकर फसल बुआई के मौसम में।

बचाव अभियान: हाइड्रा मशीन से निकाला ट्रेलर

घटना की सूचना मिलते ही ट्रेलर मालिक एस. पाल सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत हाइड्रा मशीन मंगवाई, और करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेलर को सड़क पर खड़ा किया गया। स्थानीय लोगों ने मदद की, लेकिन पानी में डूबी खाद को बचाना मुश्किल साबित हुआ। मजदूरों की टीम ने बची हुई बोरियां निकालीं, लेकिन नुकसान पहले ही हो चुका था।

स्थानीय लोगों की शिकायत: सड़कों की बदहाली जिम्मेदार

ग्रामीणों ने बताया कि रामजानकी मार्ग पर गहरे गड्ढे और खराब सड़कें लंबे समय से समस्या बनी हुई हैं। एक स्थानीय किसान ने कहा, "यह पहला हादसा नहीं है। बारिश के बाद सड़कें और खराब हो जाती हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं देता।" लोगों ने मांग की कि बरपारमाफी मार्ग की तत्काल मरम्मत की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।

प्रभाव: यह हादसा

ग्रामीण इलाकों में सड़कों की दयनीय स्थिति को उजागर करता है। न सिर्फ आम लोगों की जान खतरे में है, बल्कि किसानों की खाद जैसी जरूरी चीजें भी प्रभावित हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं कृषि अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाती हैं, क्योंकि यूरिया खाद फसलों के लिए जरूरी है।

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प्रशासन की भूमिका: स्थानीय अधिकारियों से अपील की गई है कि सड़क सुधार पर तुरंत कार्रवाई करें। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो बड़े हादसे का खतरा बना रहेगा।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि ग्रामीण सड़कों की अनदेखी कितनी महंगी पड़ सकती है। किसान पहले ही मौसम और बाजार की मार झेल रहे हैं, ऊपर से खाद की कमी उन्हें और परेशान कर सकती है। उम्मीद है कि प्रशासन इस पर गंभीरता से ध्यान देगा, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों।

Location : 
  • गोरखपुर

Published : 
  • 28 September 2025, 9:46 PM IST