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इंडिगो एयरलाइन इन दिनों अपने सबसे बड़े संकट से जूझ रही है, जिसमें हजारों उड़ानें रद्द हो गई हैं। नए सरकारी नियमों और स्टाफ की कमी ने एयरलाइन के सिस्टम को प्रभावित किया, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, DGCA ने राहत दी।
इंडिगो एयरलाइन का संकट
New Delhi: इंडिगो एयरलाइन भारत की सबसे बड़ी और सबसे भरोसेमंद एयरलाइन मानी जाती है, इन दिनों एक बड़े संकट से जूझ रही है। पिछले पांच दिनों में 2000 से ज्यादा उड़ानों के रद्द होने ने देशभर के एयरपोर्टों पर बवाल मचा दिया है। क्या आपको पता है कि आखिरकार क्या हुआ और क्यों यह स्थिति पैदा हुई? आइए, जानते हैं इसके कारण और पूरी कहानी को विस्तार से।
पिछले कुछ दिनों में इंडिगो एयरलाइन ने एक के बाद एक उड़ानें रद्द कीं, जिससे यात्रियों में काफी असंतोष और परेशानी बढ़ी। एयरलाइन ने पहले इसे मौसम और भीड़-भाड़ के कारण बताया, लेकिन वास्तविक कारण कुछ और था।
हाल ही में सरकार ने पायलटों के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम लागू किए थे। इन नए नियमों के तहत पायलटों को अधिक आराम की अवधि दी जानी थी, ताकि वे थकान से बच सकें। हालांकि, इंडिगो पहले से ही स्टाफ की कमी का सामना कर रही थी, और यह नियम एयरलाइन के लिए और भी मुश्किलें पैदा कर गया।
FDTL के नए नियमों के चलते पायलटों की संख्या कम हो गई, क्योंकि उन्हें अधिक आराम दिया जाने लगा। लेकिन इंडिगो के पास इतनी संख्या में अतिरिक्त पायलट और क्रू सदस्य नहीं थे, जिससे कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और एयरलाइन को गंभीर संकट का सामना करना पड़ा।
इसी बीच, रात के समय एयरबस A320 से जुड़ी सुरक्षा चेतावनी मिली। इस चेतावनी के चलते कई देर रात की उड़ानों को रद्द करना पड़ा। यह समस्या और भी बढ़ गई, क्योंकि रात 12 बजे के बाद नए नियम लागू हो गए थे, जिससे अचानक बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं।
इंडिगो का विशाल नेटवर्क भी इस संकट को बढ़ाने का कारण बना। जब देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के सिस्टम में कोई समस्या आई, तो यह पूरे नेटवर्क में फैल गई। एयरलाइन के हजारों क्रू सदस्य, दर्जनों एयरपोर्ट और 2000 से ज्यादा उड़ानें एक झटके में रुक गईं, जिससे पूरा सिस्टम चरमरा गया।
देश में बढ़ते हंगामे के बीच DGCA ने राहत की घोषणा की। पायलटों के साप्ताहिक आराम को छुट्टी से बदलने की मनाही हटा ली गई, जिससे पायलटों का रोटेशन थोड़ा आसान हो गया और एयरलाइन को स्थिरता लाने में मदद मिली।
हालांकि, पायलट संघ ने इस पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इंडिगो मैनेजमेंट को पहले से नए नियमों का पता था, लेकिन उन्होंने स्टाफ की कमी को नजरअंदाज किया और पर्याप्त भर्ती नहीं की। इस कारण से एयरलाइन को इस संकट का सामना करना पड़ा।
रद्द की गई उड़ानों के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हुई। एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ी और कई लोग घंटों इंतजार करते रहे। कई यात्री अपनी यात्रा के लिए विकल्प ढूंढ़ने में असमर्थ रहे, जिससे उनका समय और पैसा दोनों की बर्बादी हुई।