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बुलंदशहर के पहासू थाना क्षेत्र में वन माफिया द्वारा बिना अनुमति 15 हरे आम के पेड़ काटे जाने पर वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। वायरल वीडियो के संज्ञान के बाद वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह मौके पर पहुंचे और आम की लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त कर ली।
वन विभाग की टीम
Bulandshahr: बुलंदशहर जिले के पहासू थाना क्षेत्र से एक बड़ी पर्यावरणीय कार्रवाई की खबर सामने आई है। क्षेत्र में वन माफिया द्वारा बिना अनुमति हरे पेड़ों की कटान किए जाने की जानकारी मिलते ही वन विभाग हरकत में आया और वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह के नेतृत्व में मौके पर पहुंचकर अवैध कटान पर त्वरित कार्रवाई की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि पहासू क्षेत्र के एक आम के बाग में वन माफिया ने बिना किसी सरकारी परमिशन के 15 हरे आम के पेड़ों को काट दिया था। पेड़ों की कटान के बाद आरोपी ट्रैक्टर-ट्रॉली में लकड़ी भरकर ले जाने की तैयारी में थे। इसी दौरान यह घटना स्थानीय लोगों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई। वीडियो सामने आते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया और वन क्षेत्राधिकारी ने तत्काल घटना का संज्ञान लिया।
वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की। जांच में यह पुष्टि हुई कि पेड़ों को बिना किसी अनुमति के काटा गया है और ट्रॉली में भरी लकड़ी अवैध रूप से ले जाई जा रही थी। इसके बाद वन विभाग ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को कब्जे में ले लिया और पूरे मामले को विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि बिना परमिशन लकड़ी काटना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैध कटान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर जल्द ही कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के समय वन विभाग की पूरी टीम मौजूद रही, जिसमें वन दरोगा और कई फॉरेस्ट गार्ड शामिल थे। टीम ने घटनास्थल की माप-तौल कर नष्ट हुए पेड़ों का रिकॉर्ड तैयार किया और आसपास के क्षेत्र में वन माफियाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गश्त भी बढ़ा दी गई है।
स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग की इस त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की है। उनका कहना है कि क्षेत्र में कई बार वन माफिया हरे पेड़ों की अवैध कटान कर जाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और किसानों की निजी संपत्ति का भी हरण होता है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि विभाग आगे भी ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रखेगा, जिससे वन माफियाओं के मन में कानून का भय बना रहे। वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह ने भी लोगों से अपील की कि वे अवैध कटान की जानकारी तुरंत विभाग को दें, ताकि पर्यावरण और वन संपदा को नुकसान से बचाया जा सके।