फर्जी आईएएस का जाल उजागर, चार राज्यों में फैला नेटवर्क; आलीशान दफ्तर से चला गिरोह का पूरा खेला

गोरखपुर में फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार का ठगी का जाल चार राज्यों में फैला। सोशल मीडिया और लग्जरी कार का इस्तेमाल कर वह बिल्डरों और कारोबारियों को झांसा देता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने नकद, आभूषण और फर्जी दस्तावेज बरामद किए।

Updated : 12 December 2025, 1:27 PM IST
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Gorakhpur: गोरखपुर में सरकारी विभागों में टेंडर दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड तक फैल चुका था। पुलिस के अनुसार, अब तक 40 से अधिक लोग इसके जाल में फंस चुके हैं। गौरव अक्सर सफेद लग्जरी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाकर सरकारी अफसर की तरह निरीक्षण करता था और लोगों को अपने जाल में फंसा लेता था।

असली एसडीएम से भी हुई भिड़ंत

बिहार के भागलपुर में जब गौरव असली एसडीएम से आमने-सामने आए, तो एसडीएम ने उसका रैंक और बैच पूछने पर गौरव ने उन्हें दो थप्पड़ मार दिए। इसके बावजूद एसडीएम ने शर्मिंदगी के कारण शिकायत दर्ज नहीं कराई। पुलिस ने पूछताछ में बताया कि यही घटना इसके फर्जीपन का खुलासा करती है।

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सोशल मीडिया और रिश्तेदारों की मदद से बढ़ाया नेटवर्क

गौरव ने पुलिस को बताया कि वह अपने साले अभिषेक कुमार की मदद से सोशल मीडिया पर खुद को आईएएस अफसर के रूप में प्रमोट करता था। अभिषेक के दोस्त परमानंद गुप्ता से पहचान होने के बाद यूपी में इसका नेटवर्क तेजी से बढ़ा। पिछले तीन सालों में इस गिरोह ने बिल्डरों और कारोबारियों को सरकारी काम दिलाने का झांसा देकर पांच करोड़ रुपये और दो इनोवा कारें ठग लीं।

प्रेम संबंध और व्यक्तिगत धोखाधड़ी

एक साल तक अंडरग्राउंड रहने के दौरान गौरव ने बिहार के सीतामढ़ी की प्रीति को प्रेम जाल में फंसाकर घर से भगाकर मंदिर में शादी कर ली। इसके अलावा, फर्जी आईएएस प्रोफाइल का इस्तेमाल करके उसने चार लड़कियों से दोस्ती की, जिनमें से तीन गर्भवती हैं। लड़कियों को उसकी असली पहचान और शादीशुदा होने की जानकारी नहीं थी।

सरकारी फाइलों और सुरक्षा दल का इस्तेमाल

निरीक्षण के दौरान गौरव अपने साथ 10-15 लोगों का दल रखता था। कुछ सुरक्षा में और कुछ सरकारी फाइलें लेकर चलते थे ताकि माहौल असली अफसर जैसा लगे। गोरखपुर के भटहट इलाके के एक सरकारी स्कूल में उसने निरीक्षण भी किया और शिक्षक द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार ने 18 जिलों का निरीक्षण सौंपा है।

Gorakhpur News Fake IAS Fraud

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)

पड़ोसियों पर बनाए रखे प्रभाव

गोरखपुर में उसने अपने पड़ोसियों पर भी अधिकारी वाला प्रभाव छोड़ रखा था। घर के बाहर आईएएस गौरव कुमार का बोर्ड लगा रहता था और गार्ड तथा लग्जरी कारें खड़ी रहती थीं। पड़ोसियों के अनुसार, गौरव का व्यवहार सामान्य लगता था लेकिन सुरक्षा और वाहन देखकर मोहल्ले में उसका दबदबा रहता था।

गिरफ्तारी और जालसाजी का पर्दाफाश

पुलिस ने ललित किशोर, उसके साले अभिषेक कुमार और साथी परमानंद गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनकी गिरफ्तारी के दौरान 4.15 लाख रुपये नकद, भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण, पासपोर्ट, एटीएम-पासबुक, लैपटॉप, मोबाइल और एआई तकनीक से तैयार कूटरचित दस्तावेज बरामद किए गए।

झुगिया बाजार से फैलता था ठगी का जाल

गोरखपुर के झुगिया बाजार में स्थित आलीशान दफ्तर से यह गिरोह ठगी करता था। बाहर आईएएस गौरव कुमार की नेम प्लेट, सरकारी पट्टिकाएं और हूटर लगी गाड़ियां खड़ी रहती थीं। साथ में 10-12 लोग बाडीगार्ड की तरह खड़े रहते थे, जिससे लोग आसानी से विश्वास में आ जाते थे। गौरव कई निजी स्कूलों में निरीक्षण कर चुका था और आयोजनों में चीफ गेस्ट बनकर भाग लिया, जिससे विश्वसनीयता और बढ़ गई थी।

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ठगी और दस्तावेज बरामद

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 4,15,500 रुपये नकद, भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण, पासपोर्ट, एटीएम-पासबुक, लैपटॉप, मोबाइल, फर्जी आईडी कार्ड, मोहरें, नेम प्लेट और एआई आधारित कूटरचित अनुमोदन पत्र बरामद हुए। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि अन्य गुर्गों की गिरफ्तारी के लिए बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस से संपर्क किया गया है।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 12 December 2025, 1:27 PM IST