

गोरखपुर में जनसुरक्षा और अवैध प्लाटिंग पर लगाम कसने के उद्देश्य से जिलाधिकारी दीपक मीणा ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाया है। डीएम ने डूब क्षेत्र में हो रही जमीनों की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
डूबे क्षेत्र की जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक
गोरखपुर: जनसुरक्षा और अवैध प्लाटिंग पर लगाम कसने के उद्देश्य से जिलाधिकारी दीपक मीणा ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाया है। डीएम ने डूब क्षेत्र में हो रही जमीनों की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जब तक इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं होती, तब तक डूब क्षेत्र की किसी भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी।
खरीदारों के लिए जोखिमभरा सौदा
डीएम ने कहा कि डूब क्षेत्र की भूमि बाढ़ की चपेट में आने वाली और जनसुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में इन जमीनों की बिक्री और प्लाटिंग न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि भविष्य में खरीदारों के लिए जोखिमभरा सौदा भी साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति ठगी या गलत जानकारी के कारण अपनी पूंजी जोखिम में न डाले।
रजिस्ट्री पर लगी रोक
इस संबंध में जिलाधिकारी ने एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विनीत कुमार सिंह को निर्देशित किया है कि वे डूब क्षेत्र की जमीनों का विस्तृत सर्वेक्षण और प्रस्ताव तैयार करें, जिससे आगे के लिए एक स्थायी नीति बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव आने के बाद ही रजिस्ट्री पर लगी रोक को लेकर अगला निर्णय लिया जाएगा।
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अधिकारियों को निर्देश
बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी हिमांशु वर्मा, मुख्य अभियंता जीडीए किशन सिंह, रजिस्टार द्वितीय प्रसेनजीत सिंह, और एसडीएम सदर दीपक गुप्ता सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि डूब क्षेत्र में अब तक जितनी भी रजिस्ट्री हुई हैं, उनका विस्तृत ब्योरा तत्काल प्रस्तुत किया जाए, ताकि जांच कर वास्तविक स्थिति स्पष्ट की जा सके।
भूमाफिया डूब क्षेत्र की जमीन
डीएम मीणा ने कहा कि शहर के कुछ हिस्सों में भूमाफिया डूब क्षेत्र की जमीनों को प्लाटिंग कर अवैध रूप से बेच रहे हैं। इससे न केवल खरीदारों को धोखा दिया जा रहा है, बल्कि भविष्य में संभावित आपदा के समय जनहानि और संपत्ति नुकसान का खतरा भी बढ़ सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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उन्होंने जीडीए और राजस्व विभाग के अफसरों को डूब क्षेत्र की सीमाओं का नया सर्वे कर अद्यतन नक्शा तैयार करने का भी निर्देश दिया, ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों पर रोक लग सके। डीएम के इस आदेश के बाद डूब क्षेत्र में हो रही अनियमित प्लाटिंग और बिक्री पर फिलहाल पूर्ण विराम लग गया है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रिपोर्ट आने तक किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त से बचें और किसी भी संदिग्ध सौदे की सूचना तत्काल प्रशासन को दें।