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गोरखपुर पुलिस के ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के तहत वर्ष 2021 के हत्या के प्रयास और अवैध हथियार मामले में अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए न्यायालय ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला कानून के सख्त प्रवर्तन का मजबूत संदेश देता है।
गोरखपुर कोर्ट
Gorakhpur: जनपद गोरखपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2021 में थाना गीडा में पंजीकृत हत्या के प्रयास के गंभीर मामले में माननीय न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई है। इस फैसले से अपराधियों के बीच यह स्पष्ट संदेश गया है कि कानून से बच पाना अब आसान नहीं है।
न्यायालय ने सुनाई कड़ी सजा
आरोपी राजू निषाद उर्फ राजू साहनी पुत्र रामप्यारे निषाद निवासी गौनर ग्राम विशुनपुरा बाबू थाना चौरीचौरा जनपद गोरखपुर पर जानलेवा हमले और अवैध हथियार रखने का गंभीर आरोप था। इस प्रकरण में माननीय न्यायालय ASJ/PC-04, जनपद गोरखपुर ने प्रस्तुत साक्ष्यों और अभियोजन की प्रभावी पैरवी के आधार पर अभियुक्त को दोषी ठहराया। न्यायालय ने धारा 307 भादावि के अंतर्गत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 40,000 रुपये अर्थदंड तथा आर्म्स एक्ट के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं नियमानुसार प्रभावी होंगी।
पुलिस की सतत निगरानी से मजबूत हुआ केस
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के निर्देशन में थाना स्तर पर नियुक्त पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल द्वारा मामले की लगातार निगरानी की गई। सटीक केस डायरी, समयबद्ध विवेचना और प्रत्येक स्तर पर की गई प्रभावी कार्यवाही ने इस केस को न्यायालय में मजबूती प्रदान की।
अभियोजन की सशक्त प्रस्तुति
पुलिस की प्रभावी विवेचना और तथ्यों के सुव्यवस्थित संकलन के चलते अभियोजन पक्ष न्यायालय में अपने तर्क मजबूती से रखने में सफल रहा। साक्ष्यों की सटीक प्रस्तुति और गवाहों की प्रभावी पेशी ने न्यायालय को दोषसिद्धि तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरकारी अधिवक्ताओं का सराहनीय योगदान
इस महत्वपूर्ण दोषसिद्धि में अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) श्री अतुल कुमार शुक्ला तथा ADGC (क्रिमिनल) श्री धर्मेंद्र कुमार दूबे का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा। उनकी सुदृढ़ और प्रभावी पैरवी के चलते अभियुक्त को कड़ी सजा दिलाई जा सकी।
कानून के प्रति विश्वास हुआ मजबूत
गोरखपुर पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत गंभीर अपराधों में त्वरित, निष्पक्ष और प्रभावी न्याय दिलाने की मुहिम आगे भी जारी रहेगी। यह फैसला न केवल पीड़ित पक्ष के लिए न्याय का प्रतीक है, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास को और अधिक मजबूत करता है।