

गाजियाबाद पुलिस के दरोगा ने भाजपा नेताओं को हवालात में बंद कर दिया। जिसकी वजह से उसको सस्पेंड कर दिया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
दुर्घटना ग्रस्त गाड़ी
गाजियाबाद: नंदग्राम थाने में एक गंभीर विवाद सामने आया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महानगर मंत्री को पुलिस ने हवालात में बंद कर दिया और उनसे अभद्रता की। इस मामले में गाजियाबाद के डीसीपी ने नगर चौकी प्रभारी लेखराज, मुख्य आरक्षी रवेंद्र और सगीर को तत्काल सस्पेंड कर दिया। वहीं, मेडिकल टेस्ट के लिए एमएमजी अस्पताल पहुंचे भाजपा नेता और उनके साथियों पर रिपोर्ट में फेरबदल करने के लिए दबाव बनाने का आरोप भी सामने आया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राजनगर एक्सटेंशन स्थित रिवर हाइट्स सोसायटी में एक स्कूल की सहायिका के साथ बाउंसर और दो स्थानीय लोगों द्वारा अभद्रता की गई। इसके साथ ही जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया। इस पर पीड़िता की शिकायत पर निखिल शर्मा, नितिन शर्मा और दो बाउंसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद
शनिवार रात दोनों पक्ष थाने के बाहर पहुंचे और कहासुनी के बाद हाथापाई शुरू हो गई। इस दौरान दरोगा लेखराज ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन जब दोनों पक्ष नहीं माने तो कुछ लोगों को हवालात में बंद कर दिया गया। भाजपा नेता धीरज शर्मा भी एक पक्ष की ओर से थाने पहुंचे और उन्होंने अपनी आवाज उठाई। आरोप है कि दरोगा ने उन्हें भी हवालात में बंद कर दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
विधायक और महानगर अध्यक्ष पहुंचे थाने
इसके बाद शहर से विधायक और महानगर अध्यक्ष समेत कई प्रमुख नेता रात को थाने पहुंचे। पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताया। विवाद बढ़ने के बाद डीसीपी नगर राजेश कुमार ने स्थिति की जांच की। दरोगा लेखराज, मुख्य आरक्षी रवेंद्र और सगीर को निलंबित कर दिया। डीसीपी ने इस पूरे घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
डीसीपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
डीसीपी ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा धीरज शर्मा के साथ मारपीट का आरोप गलत है। जांच के दौरान यह पाया गया कि इन पुलिसकर्मियों ने गलत तरीके से कार्रवाई की। जिसके कारण उन्हें निलंबित किया गया। इसके साथ ही एक और गंभीर मामला सामने आया जिसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा नेता और उनके साथियों ने एमएमजी अस्पताल में चिकित्सक और स्टाफ पर दबाव डाला।
भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप
बताया जा रहा है कि 15-20 लोग मेडिकल जांच कराने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने इमरजेंसी में काम कर रहे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और गार्ड पर दबाव डालने की कोशिश की। आरोप है कि मेडिकल रिपोर्ट में शराब की पुष्टि को हटाने और अतिरिक्त चोटें बढ़ाने के लिए चिकित्सक पर दबाव बनाया गया। इसके अलावा डॉक्टर के कमरे में घुसकर वीडियो बनाने और अपशब्द कहे जाने का भी आरोप लगाया गया। चिकित्सक ने इस घटना की शिकायत नगर कोतवाली में की और पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की है।