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फतेहपुर की फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-02 ने वर्ष 2022 में हुए बहुचर्चित सुजीत हत्याकांड में बुधवार को फैसला सुनाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
फतेहपुर : फतेहपुर की फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-02 ने वर्ष 2022 में हुए बहुचर्चित सुजीत हत्याकांड में बुधवार को फैसला सुनाया। न्यायालय ने मृतक की पत्नी आरती और बेटे रवि को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों पर ₹50,000-₹50,000 का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) अजय सिंह (प्रथम) ने सुनाई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने बताया कि घटना 2 दिसंबर 2022 को बकेवर थाना क्षेत्र के जरारा गांव में हुई थी। मृतक सुजीत उत्तम का अपनी पत्नी आरती से विवाद चल रहा था। गांव के ही विजय उर्फ गोलीदीन से आरती के अवैध संबंध थे, जिसका सुजीत विरोध करता था। यह बात आरोपी आरती को नागवार गुज़री और उसने अपने बेटे रवि के साथ मिलकर साजिश रच डाली।
घटना के दिन आरती सुबह विजय से मिलने गई थी। शाम को जब वह घर लौटी तो पति से झगड़ा हुआ। इसी दौरान उसने अपने नशे की लत में डूबे बेटे रवि को उकसाया और दोनों ने मिलकर सुजीत की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। रात में ही शव को छुपा दिया गया। अगले दिन 3 दिसंबर को मामले की एफआईआर मृतक के पिता रामचंद्र उत्तम द्वारा बकेवर थाने में दर्ज कराई गई।
पुलिस की विवेचना और अभियोजन की ओर से पेश सात गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आरती और रवि को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
अभियुक्त पहले से जमानत पर थे, लेकिन सजा के बाद उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया। कोर्ट के फैसले से वादी पक्ष ने राहत की सांस ली और न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया।
3 दिसंबर को मृतक के पिता रामचंद्र उत्तम ने बकेवर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस की विवेचना और अभियोजन द्वारा पेश सात गवाहों के बयान, और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर कोर्ट ने मां-बेटे को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी माना।
दोनों आरोपी पहले से जमानत पर थे, लेकिन सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। कोर्ट के इस फैसले से वादी पक्ष ने राहत की सांस ली और न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया।