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जिला अस्पताल फतेहपुर में इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली की शिकायतें सामने आने के बाद गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. राजेश कुमार ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ओपीडी, एक्स-रे, ओटी और लैब विभागों में चार संदिग्ध दलाल पकड़े गए, जिन्हें पूछताछ के बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया।
फतेहपुर में दलाल गिरप्तार
Fatehpur: जिला अस्पताल फतेहपुर में इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली की शिकायतें सामने आने के बाद गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. राजेश कुमार ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान ओपीडी, एक्स-रे, ओटी और लैब विभागों में चार संदिग्ध दलाल पकड़े गए, जिन्हें पूछताछ के बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया।
सीएमएस ने बताया कि कुछ दिनों से मरीजों से पैसों की अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थीं। टीम के साथ निरीक्षण के दौरान चार बाहरी व्यक्ति संदिग्ध रूप से घूमते मिले, जो पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
पुलिस को सौंपने के बाद सभी ने गलती स्वीकार की और भविष्य में अस्पताल परिसर के आसपास न दिखने का लिखित आश्वासन दिया। पहली बार की गलती मानते हुए उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, साथ ही चेतावनी दी गई कि दोबारा पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
यह कार्रवाई सेमरा धूरी बुजुर्ग गांव की रानू देवी पत्नी अंतराम गौतम की शिकायत के बाद की गई। रानू देवी ने सीएमएस को लिखित शिकायत में बताया था कि उनके इलाज के दौरान ऑपरेशन से पहले अस्पताल कर्मी ने ₹6000 की मांग की। पैसे देने से इनकार करने पर डॉक्टर ने तकनीकी समस्या बताकर ऑपरेशन से मना कर दिया और बिना सहमति के कानपुर रेफर कर दिया।
रानू देवी ने कहा कि वे अक्टूबर में पेट दर्द और अत्यधिक रक्तस्राव के चलते भर्ती हुई थीं। इलाज के बाद छुट्टी मिली, लेकिन 3 नवंबर को दोबारा भर्ती होने पर उनका ऑपरेशन बार-बार टाला गया और उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा गया।
महिला ने सीएमएस से मांग की है कि उनका बच्चेदानी का ऑपरेशन फतेहपुर जिला अस्पताल में ही कराया जाए, क्योंकि वे कानपुर जाने में असमर्थ हैं। उन्होंने अस्पताल में फैले रिश्वतखोरी के पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।