

जिले में आई भीषण बाढ़ ने गंगापार क्षेत्र के निवासियों को न केवल आवागमन, बल्कि अंतिम संस्कार जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी संघर्ष की स्थिति में ला खड़ा किया है। मंगलवार को भाजपा नेता विकास राजपूत ने जब पांचाल घाट पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया, तो सड़क किनारे खुले में हो रहे शवों के अंतिम संस्कार को देखकर वे भावुक हो उठे।
फर्रुखाबाद से दिल दहला देने वाला मामला
Farrukhabad: जिले में आई भीषण बाढ़ ने गंगापार क्षेत्र के निवासियों को न केवल आवागमन, बल्कि अंतिम संस्कार जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी संघर्ष की स्थिति में ला खड़ा किया है। मंगलवार को भाजपा नेता विकास राजपूत ने जब पांचाल घाट पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया, तो सड़क किनारे खुले में हो रहे शवों के अंतिम संस्कार को देखकर वे भावुक हो उठे।
गंगापार से आए लोगों ने बताया कि बाढ़ के कारण नाव से शवों को लाना बेहद मुश्किल हो गया है और गंगापार क्षेत्र में कोई स्थायी अन्त्योष्टि स्थल न होने के कारण उन्हें मजबूरी में सड़कों पर ही अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। भाजपा नेता विकास राजपूत ने कहा, “आज़ादी के 78 वर्षों बाद भी गंगापार की बड़ी आबादी के लिए एक भी पक्का और सुरक्षित अन्त्योष्टि स्थल नहीं बन पाया है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
राजपूत ने बताया कि जिले में प्रशासन द्वारा गंगा के एक किनारे तो अन्त्योष्टि स्थलों के लिए शेड, प्लेटफॉर्म और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन दूसरी ओर – जहां हजारों की आबादी रहती है – वहां आज भी लोग खुले में, बारिश और कीचड़ के बीच अपने परिजनों की चिता जलाने को मजबूर हैं। उन्होंने इसे "कलयुग की पराकाष्ठा" बताते हुए कहा कि यह न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि शासन की नाकामी को भी दर्शाता है।
भाजपा नेता ने जिला प्रशासन और सरकार से तत्काल गंगापार क्षेत्र में स्थायी अन्त्योष्टि स्थल के निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यदि इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे जनप्रतिनिधियों और सरकार के समक्ष यह मुद्दा प्रमुखता से उठाएंगे।
राजपूत ने यह भी कहा कि अंतिम संस्कार जैसी पवित्र प्रक्रिया में किसी भी नागरिक को अपमान या कठिनाई न झेलनी पड़े, इसके लिए शासन को संवेदनशील और सक्रिय होना होगा।
बाढ़ से तबाह हो चुके गांवों में जहां एक ओर लोग अपने घरों से बेघर हैं, वहीं अब उनके दिवंगत परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं बची है। ऐसे में यह मांग अब एक सामाजिक और मानवीय ज़रूरत बन चुकी है।भाजपा नेता के इस दौरे के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि प्रशासन गंगापार क्षेत्र की इस लंबित और उपेक्षित समस्या पर शीघ्र संज्ञान लेगा।