

बदायूं जिले के वजीरगंज क्षेत्र में साधन सहकारी समिति बगरैन के सचिव देवेन्द्र यादव पर अपने चहेतों को डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद बांटने का गंभीर आरोप लगा है। किसानों का कहना है कि इस वजह से कई किसान डीएपी खाद से वंचित रह गए हैं।
खाद बांटने का गंभीर आरोप
बदायूं: बदायूं जिले के वजीरगंज क्षेत्र में साधन सहकारी समिति बगरैन के सचिव देवेन्द्र यादव पर अपने चहेतों को डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद बांटने का गंभीर आरोप लगा है। किसानों का कहना है कि इस वजह से कई किसान डीएपी खाद से वंचित रह गए हैं और उन्हें बुवाई के लिए जरूरी खाद खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
साधन सहकारी समिति बगरैन से जुड़े लगभग एक दर्जन गांवों के किसान इस समिति से खाद और बीज प्राप्त करते हैं। किसानों का आरोप है कि सचिव ने अपने करीबी लोगों को प्राथमिकता देते हुए डीएपी खाद का वितरण कर दिया, जबकि अन्य किसान जो इस समिति के सदस्य हैं, वे खाद नहीं पा सके। इससे किसानों में भारी नाराजगी व्याप्त है। वे बताते हैं कि पूर्व में जो डीएपी वितरण हुआ था, वह खत्म हो चुका है और नए सत्र में वितरण शुरू नहीं किया गया है, जिससे उनका बुवाई का काम प्रभावित हो रहा है।
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डीएपी की कमी के कारण किसानों को अपनी जरूरत के लिए बाजार से महंगी डीएपी खरीदनी पड़ रही है। इससे किसानों की लागत बढ़ गई है और खेती-किसानी पर विपरीत असर पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद का वितरण होता तो वे आसानी से बुवाई कर पाते, लेकिन इस समस्या के कारण खेती का कार्य पिछड़ रहा है।
क्षेत्र के किसानों ने इस मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी को शिकायत की है और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सचिव द्वारा इस तरह का भेदभाव जारी रहा तो इससे खेती-किसानी प्रभावित होगी और किसानों को भारी नुकसान होगा।
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इस मामले पर जिला कृषि अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो पाया। इससे यह साफ नहीं हो पाया कि प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करेगा।
यह मामला न केवल किसानों के हितों से जुड़ा है, बल्कि खेती और कृषि संसाधनों के उचित वितरण पर भी सवाल खड़ा करता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द इस मामले की जांच करें और किसानों की समस्याओं का समाधान निकालें ताकि वे समय पर अपनी फसल की बुवाई कर सकें।