

नोएडा समेत लखनऊ, गुरुग्राम और रोहतक में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए तीन शेल कंपनियों के 135 बैंक खाते फ्रीज कर दिए और 204 करोड़ रुपये जब्त किए। यह कार्रवाई अवैध लेनदेन, हवाला नेटवर्क और संदिग्ध विदेशी फंडिंग के शक में की गई। ईडी अब फंड के स्रोत और नेटवर्क से जुड़े लोगों की फोरेंसिक जांच और पूछताछ कर रही है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Noida News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए नोएडा समेत कई शहरों में बड़ी छापेमारी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई में ईडी ने तीन संदिग्ध शेल कंपनियों के 135 बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। अब तक की जांच में 204 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ईडी की टीमें एक साथ नोएडा, लखनऊ, गुरुग्राम और रोहतक में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। यह कार्रवाई फर्जी कंपनियों के जरिए कथित रूप से अवैध लेनदेन और हवाला नेटवर्क को लेकर की जा रही है।
135 बैंक खातों को फ्रीज किया
प्रवर्तन निदेशालय ने जानकारी दी है कि यह छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये शेल कंपनियां बड़े पैमाने पर संदिग्ध विदेशी फंडिंग और मनी रूटिंग में लिप्त थी। इन कंपनियों के नाम पर खोले गए 135 बैंक खातों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया गया है। जिससे किसी भी प्रकार की फंड मूवमेंट को रोका जा सके।
204 करोड़ की रकम जब्त, बैंकिंग नेटवर्क पर नजर
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान इन कंपनियों के पास से विभिन्न बैंक खातों में जमा कुल 204 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है।
ईडी अब इन खातों के लेनदेन की फोरेंसिक जांच कर रहा है और यह जानने की कोशिश कर रहा है कि यह पैसा कहां से आया और कहां ट्रांसफर किया जा रहा था।
विदेशी लिंक और हवाला कनेक्शन की जांच
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि इन कंपनियों के लेनदेन में विदेशी फंडिंग और हवाला नेटवर्क से जुड़े कनेक्शन हो सकते हैं। कंपनियों के दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल, डिजिटल डेटा और कई अन्य सबूत कब्जे में लेकर डिजिटल फोरेंसिक टीम की मदद से विश्लेषण किया जा रहा है।
कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ जारी
ईडी ने छापेमारी के दौरान मौके से कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इनमें से कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंकिंग प्रतिनिधि और कंपनी के नामित निदेशक बताए जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि इन लोगों के जरिए शेल कंपनियों के संचालन में इस्तेमाल हो रहे पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
इन शहरों में छापेमारी जारी
नोएडा: कंपनियों के मुख्य दफ्तर और बैंकिंग रिकॉर्ड
लखनऊ: फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन से जुड़े दस्तावेज
गुरुग्राम: कॉर्पोरेट ऑफिस और डायरेक्टर के आवास
रोहतक: संदिग्ध ट्रांजैक्शन वाले अकाउंट्स की जानकारी
क्या है शेल कंपनी?
शेल कंपनियां ऐसी इकाइयां होती हैं जो असल में कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं करतीं। लेकिन उनका इस्तेमाल अवैध फंड ट्रांसफर, टैक्स चोरी और हवाला जैसी गतिविधियों के लिए किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी अब इन शेल कंपनियों से जुड़े बाहरी नेटवर्क और संभावित अंतरराष्ट्रीय लिंक की भी जांच कर रही है। साथ ही जिन बैंकों के जरिए यह फंड मूवमेंट हुआ है, उनकी भूमिका भी खंगाली जा रही है।