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नशीले कफ सिरप मामले में अब ईडी ने भी जांच तेज कर दी है, अब पूरे मामले में मनी लांड्रिंग एंगल से जांच तेज की जा रही हैं। कल ही यूपी एसटीएफ ने मामले में फरार बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। ईडी ने ECIR यानि (Enforcement Case Information Report) दर्ज करने के साथ ही एक्शन तेज़ कर दिया हैं।
ईडी ऑफिस
Lucknow: उत्तर प्रदेश में नशीले कफ सिरप मामले में अब ईडी ने भी जांच तेज कर दी है, अब पूरे मामले में मनी लांड्रिंग एंगल से जांच तेज की जा रही हैं। कल ही यूपी एसटीएफ ने मामले में फरार बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। ईडी ने ECIR यानि (Enforcement Case Information Report) दर्ज करने के साथ ही एक्शन तेज़ कर दिया हैं।
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बुधवार को लखनऊ में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं, फरार आरोपी शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित घर में नोटिस चस्पा कर दिया गया है।
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लखनऊ में आलोक सिंह ने करोड़ों की संपत्तियां भी बनाई हैं। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने जौनपुर की वोटर लिस्ट में आलोक सिंह का पूर्व सांसद धनंजय सिंह का एक ही घर बताया था। आलोक सिंह को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह का बेहद करीबी बताया जाता है।
जानकारी के अनुसार शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को दुबई की सैर कराने वाले जौनपुर के विकास सिंह विक्की ही पूर्व ब्यूरोक्रेट सिंडीकेट की काली कमाई को रियल एस्टेट में निवेश कर रहा था। सूत्रों की मानें तो एक पूर्व ब्यूरोक्रेट ने विकास के जरिये लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड पर कई बेशकीमती संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी इसकी जांच शुरू कर चुकी है।
आलोक सिंह की भूमिका का खुलासा
बता दें कि यूपी में कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में एसटीएफ ने बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की भूमिका का खुलासा किया है, जिस पर आरोप है कि वह कोडीन-बेस्ड कफ सिरप की एक बड़ी गैर-कानूनी सप्लाई चेन चलाता था और साथ ही दो होलसेल ड्रग यूनिट भी चलाता था, एक झारखंड से और दूसरी वाराणसी से। यह खुलासा अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा से पूछताछ के दौरान हुआ जो एक मुख्य ऑपरेटिव है और उसे गुरुवार को लखनऊ के गोमतीनगर में ग्वारी चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया था।