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बर्लिन में हर्टी स्कूल के संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने भारत में लोकतंत्र, चुनावी निष्पक्षता और संस्थाओं के दुरुपयोग को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाएं दबाव में हैं और विपक्ष लोकतंत्र बचाने की लड़ाई जारी रखेगा।
राहुल गांधी
New Delhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार (22 दिसंबर, 2025) को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और चुनावी प्रक्रिया को लेकर बड़ा बयान दिया। हर्टी स्कूल, बर्लिन में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला हो रहा है और भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा माहौल बना दिया है कि संवैधानिक संस्थाएं स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रही हैं।
संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी संस्थाओं का दुरुपयोग नहीं किया, लेकिन मौजूदा सरकार इनका इस्तेमाल अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की संस्थागत संरचना पर बड़े पैमाने पर कब्जा किया जा रहा है, जिससे लोकतांत्रिक संतुलन बिगड़ रहा है। उनके मुताबिक, संस्थाएं जो लोकतंत्र की रीढ़ मानी जाती हैं, वे दबाव में काम कर रही हैं।
चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल
अपने भाषण में राहुल गांधी ने भारत में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीते हैं, लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने बार-बार चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर आवाज उठाई है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी, जबकि महाराष्ट्र में चुनाव निष्पक्ष नहीं थे। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन तथ्यों को सार्वजनिक रूप से सामने रखा है।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक ब्राजील की महिला द्वारा वोट डालने का मामला सामने आया, जिसका चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने दावा किया कि उस महिला का नाम वोटर लिस्ट में 22 बार दर्ज था और एक ही महिला द्वारा एक बूथ पर कई बार वोट डाले जाने की बात सामने आई। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों पर चुनाव आयोग की चुप्पी लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है।
खुफिया एजेंसियों के दुरुपयोग का दावा
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि देश की खुफिया और जांच एजेंसियों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई, ईडी और अन्य एजेंसियों के अधिकांश मामले बीजेपी के विरोधियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। राहुल गांधी का कहना था कि यदि कोई बड़ा व्यापारी कांग्रेस का समर्थन करता है, तो उसे धमकियां मिलती हैं और उसके खिलाफ जांच एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं।
विपक्षी संघर्ष जारी रखने का संकल्प
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस और विपक्ष को इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजना होगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ बीजेपी से नहीं, बल्कि भारतीय संस्थाओं पर बीजेपी के कब्जे से है। राहुल गांधी ने भरोसा जताया कि विपक्ष एक प्रभावी प्रतिरोध तंत्र विकसित करेगा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा।