

दीपावली से पहले मिलावटखोरी पर लगाम लगाने के लिए चंदौली की खोया मंडी में खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी की। तीन दुकानों से खोया के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि रिपोर्ट फेल होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चंदौली की खोया मंडी में छापेमारी
Chandauli: दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार के मद्देनजर एक बार फिर जिले का खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग एक्शन मोड में आ गया है। जिले के पीडीडीयू नगर स्थित धर्मशाला खोया मंडी में शनिवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अचानक छापेमारी कर तीन दुकानों से खोया के सैंपल जब्त किए। इस कार्रवाई के बाद मंडी में हड़कंप मच गया।
त्योहारी सीजन में मिलावटी खोया और मिठाइयों की बिक्री की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर यह विशेष अभियान चलाया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के.एन. त्रिपाठी के नेतृत्व में की गई इस छापेमारी के दौरान खोया की गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने लिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने पर दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खास बात यह है कि खोया मंडी में इस तरह की छापेमारी और निगरानी की कार्रवाई हर साल होती है, बावजूद इसके दुकानदार अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले वर्षों में भी कई दुकानदारों पर कार्रवाई हुई थी, लेकिन त्योहार आते ही मिलावटखोरी का धंधा फिर सक्रिय हो जाता है।
खासकर दीपावली पर मिठाइयों की भारी मांग के चलते खोया की खपत सबसे ज्यादा होती है। स्थानीय ही नहीं, बल्कि झारखंड के देवघर जैसे इलाकों तक इस मंडी से खोया सप्लाई होता है। ऐसे में अगर यहां मिलावटी खोया बिकता है तो उसका दायरा सिर्फ जिले तक सीमित नहीं रहता, बल्कि कई राज्यों के लोग इसके शिकार बन सकते हैं।
छापेमारी की भनक मिलते ही मंडी में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कुछ दुकानदार तो मौके से अपनी दुकानें बंद करके भाग निकले, जबकि कुछ ने अधिकारियों से बहस कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। लेकिन टीम ने पूरी सतर्कता और सख्ती के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया।
खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा मिलावटखोरी पर लगाम
खाद्य सुरक्षा अधिकारी त्रिपाठी ने बताया कि "त्योहारों में मिलावट को लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। अगर सैंपल की रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।"
जानकारों के मुताबिक त्योहारों के दौरान मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होती है, जिसकी भरपाई करने के लिए कुछ दुकानदार नकली या सिंथेटिक खोया तैयार करते हैं। इसमें स्टार्च, रिफाइंड तेल, डिटरजेंट जैसे हानिकारक पदार्थों की मिलावट की जाती है, जिससे न सिर्फ मिठाई का स्वाद खराब होता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी बेहद नुकसानदायक है। इस मिलावट से गैस, उल्टी-दस्त, फूड पॉइजनिंग और यहां तक कि लिवर व किडनी पर भी असर पड़ सकता है। इसी खतरे को देखते हुए प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की है।
पिछले साल भी चंदौली और वाराणसी में मिलावटी खोया और नकली मिठाइयों का बड़ा रैकेट सामने आया था। दर्जनों दुकानों पर सैंपल फेल हुए थे और कई दुकानदारों पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बावजूद मिलावट माफिया पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।
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खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने आम नागरिकों से अपील की है कि खरीदारी करते समय ब्रांडेड और प्रमाणित दुकानों से ही खोया व मिठाई लें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की शंका होने पर नागरिक 1915 हेल्पलाइन या विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।