

एक प्रेमी जोड़े ने पारिवारिक विरोध के बावजूद एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला लिया। इस अनोखी घटना में प्रेमी जोड़े ने थाना परिसर स्थित मंदिर में एक-दूसरे को माला पहनाकर शादी जैसा फैसला किया।
युवक-युवती ने एक-दूसरे को पहनाई माला
Kanpur Dehat: कानपुर देहात के मंगलपुर थाना क्षेत्र के बहेरा गांव की 20 वर्षीय आकांक्षा और ललपुरवा गांव के 23 वर्षीय विकास से जुड़ा है। दोनों के बीच 5 साल से प्रेम संबंध थे, जो पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, विकास आकांक्षा के पड़ोस में स्थित एक रिश्तेदार के घर आता-जाता था। इस दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हुई। प्रेम संबंध बढ़ने के बाद, जब शादी की बात सामने आई, तो आकांक्षा के परिवार ने इस रिश्ते का विरोध किया।
थाना परिसर में हुआ अनूठा फैसला
आकांक्षा और विकास के परिवारों में रिश्ते को लेकर मतभेद थे। लड़के का परिवार इस विवाह के लिए राजी था, लेकिन लड़की के परिवार ने विरोध जारी रखा। इसके बाद, प्रेमी जोड़ा मंगलपुर थाने पहुंचा और पुलिस अधिकारियों के सामने अपनी बात रखी। दोनों के बीच गहरी समझ और चाहत थी, जो परिवारों के विरोध के बावजूद उन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं कर पाई। थाना परिसर में स्थित मंदिर में प्रेमी जोड़े ने एक-दूसरे को माला पहनाकर साथ रहने का संकल्प लिया। दोनों ने धार्मिक तरीके से इस फैसले को लिया और एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का वचन लिया। मौके पर दोनों परिवारों के लोग भी उपस्थित थे और उन्होंने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया, हालांकि लड़की के परिवार में नाराजगी बनी रही।
प्रेमी जोड़े का फैसला
यह घटना कानपुर देहात के मंगलपुर थाना परिसर में हुई, जिसमें प्रेमी जोड़े ने अपने रिश्ते को स्वीकृति दिलाने के लिए एक मंदिर का सहारा लिया। यह कदम दर्शाता है कि प्रेमी जोड़े ने किसी बाहरी दबाव के बिना अपनी इच्छा से जीवनसाथी का चयन किया। उनकी स्वेच्छा और संतुष्टि चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। लड़की के परिवार की नाराजगी के बावजूद दोनों का निर्णय पक्का था और दोनों अपने फैसले में पूरी तरह से खुश थे।
बालिग होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं
मंगलपुर थाना प्रभारी धीरेंद्र सिंह ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों प्रेमी-प्रेमिका बालिग हैं और उन्होंने स्वेच्छा से एक-दूसरे के साथ रहने का निर्णय लिया है। थाना परिसर में हुई इस घटना के बाद, पुलिस द्वारा किसी तरह की लिखित कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि दोनों की इच्छा से यह निर्णय लिया गया था। धीरेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि थाने में किसी पुलिसकर्मी की मौजूदगी में इस फैसले को लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद यह कोई कानूनी मामला नहीं था, क्योंकि दोनों पक्ष अपनी इच्छाओं के अनुसार इस निर्णय पर पहुंचे थे।