

देवरिया में बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने चार खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोक दिया। अधिकारियों पर काम में लापरवाही, समय पर ड्यूटी न पहुंचने और निरीक्षण की जिम्मेदारी न निभाने का आरोप है। यह कार्रवाई विभागीय कार्यों में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई है।
बीएसए शालिनी श्रीवास्तव
Deoria: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीएसए) शालिनी श्रीवास्तव ने चार खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनका वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। यह कदम उन अधिकारियों की कार्यप्रणाली में लगातार लापरवाही, समय पर ड्यूटी न पहुंचने और शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के उल्लंघन के कारण उठाया गया। डीबीएसए ने बताया कि, बार-बार चिट्ठियां जारी करने के बावजूद भी इन अधिकारियों ने संतोषजनक कार्य नहीं किया और कार्यालय छोड़कर अनुपस्थित रहने की आदत डाल ली थी।
शालिनी श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि इन अधिकारियों द्वारा शासकीय और गैर-शासकीय स्कूलों का समय से निरीक्षण नहीं किया गया, जो कि उनके कर्तव्यों का हिस्सा था। इसके अलावा, वे काम को पटल पर संपादित करने में भी नाकाम रहे थे। इसके बावजूद जब इनकी कार्यों में सुधार नहीं हुआ, तो डीबीएसए ने कड़ा कदम उठाते हुए उनका वेतन रोकने का निर्णय लिया।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
इस कार्रवाई के बाद से विभाग में हड़कंप मच गया है और अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। विभागीय कार्रवाई की खबर से संबंधित सभी कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया है। डीबीएसए ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भविष्य में कोई भी कर्मचारी या अधिकारी लापरवाही बरतता है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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डीबीएसए ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल खंड शिक्षा अधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य विभागीय कर्मचारियों जैसे पटेल बाबू, लेखा विभाग, प्रशासनिक विभाग और निर्माण विभाग के कर्मचारियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यदि किसी ने काम में लापरवाही बरती, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले के बाद अब विभाग में बैठे कर्मचारियों के बीच चर्चा का माहौल बना हुआ है। कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह कदम एक अच्छा संदेश दे रहा है और यह अन्य कर्मचारियों को भी अनुशासन में रहने के लिए प्रेरित करेगा। वहीं, कुछ का कहना है कि इस तरह की कड़ी कार्रवाई से विभागीय कामकाजी माहौल में तनाव बढ़ सकता है।
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अब यह देखना होगा कि विभागीय कार्रवाई के इस दौर में अन्य लापरवाह कर्मचारियों पर क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या यह कदम विभागीय कार्यों में सुधार लाता है या नहीं। फिलहाल, चार खंड शिक्षा अधिकारियों के वेतन रोकने की यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।