

कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को गाजियाबाद में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने “स्कूल बंदी वापस लो”, “शिक्षा बचाओ-देश बचाओ” और “छात्रों का हक छीनना बंद करो” जैसे नारे लगाए।
हाईस्कूलों के विलय के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 5,000 जूनियर हाईस्कूलों को मर्ज (विलय) करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को गाजियाबाद में जोरदार प्रदर्शन किया। महानगर और जिला कांग्रेस कमेटियों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे और सरकार के इस फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे महानगर कांग्रेस कमेटी गाजियाबाद के अध्यक्ष वीर सिंह जाटव ने कहा कि सरकार का यह कदम ग्रामीण शिक्षा के खिलाफ है। उन्होंने कहा, "गांवों में रहने वाले बच्चों को अब पढ़ाई के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। इससे बच्चों का स्कूल छोड़ने (ड्रॉपआउट) का खतरा बढ़ जाएगा, जिससे शिक्षा की पहुंच सीमित हो जाएगी।"
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा, बल्कि कई लोगों की रोज़ी-रोटी भी छिन जाएगी। उन्होंने कहा, "मिड डे मील पकाने वाली रसोइयों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। साथ ही B.Ed और BTC जैसे डिग्री धारकों की नौकरी की संभावनाएं भी सीमित हो जाएंगी। यह फैसला युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।"
नारेबाजी और आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने "स्कूल बंदी वापस लो", "शिक्षा बचाओ-देश बचाओ" और "छात्रों का हक छीनना बंद करो" जैसे नारे लगाए। पार्टी नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने से पीछे नहीं हटेंगे।
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह फैसला शिक्षा को कमजोर करने और निजीकरण को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने मांग की कि सरकार बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को मर्ज करने की योजना को तत्काल रद्द करे।
सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं
अब तक इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने अपने पहले के बयान में कहा था कि स्कूलों का विलय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से किया जा रहा है।