

सावन के अंतिम सोमवार को महराजगंज जनपद के हरपुर पकड़ी घिवहां स्थित बउरहवा बाबा मंदिर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। नेपाल के त्रिवेणी धाम से 80 किलोमीटर की पदयात्रा कर पहुंचे हजारों कांवड़ियों ने भगवान शिव का पवित्र गंगाजल से जलाभिषेक किया। पूरे क्षेत्र में हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारे गूंजते रहे।
जलाभिषेक के लिए लगीं कतारें
Maharajganj: सावन के अंतिम सोमवार को हर साल की तरह इस बार भी शिवभक्तों की भारी भीड़ बउरहवा बाबा मंदिर में उमड़ी। नेपाल राष्ट्र के त्रिवेणी धाम से गंगाजल लेकर आए हजारों कांवड़ियों ने सोमवार की सुबह 4 बजे से सामूहिक जलाभिषेक शुरू किया। मंदिर परिसर ‘बोल बम’ और ‘बउरहवा बाबा की जय’ के उद्घोष से गूंज उठा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, श्रद्धालु रविवार को त्रिवेणी से गंगाजल लेकर निकले और लगभग 80 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करते हुए नेपाल के रास्ते रानीपुर, सुरजपुरवा, झुलनीपुर, बहुआर, चंदा गुलरभार, बसुली, जहदा, कटहरी, बढ़या चौक, सबयां और अमडीहा होते हुए सिसवा बाजार क्षेत्र में प्रवेश किए। रास्ते भर भक्तों का जोश और शिवभक्ति देखने लायक थी।
इन स्थानों पर की गई रात्रि विश्राम की सुविधा
पैदल चलने वाले इन श्रद्धालुओं के लिए रामजानकी मंदिर, जायसवाल शिव मंदिर, वन देवी मंदिर और विभिन्न धर्मशालाओं, प्राथमिक विद्यालयों में रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा में स्थानीय श्रद्धालु व समितियां भी जुटीं रहीं। मंदिरों में भजन-कीर्तन और जागरण का आयोजन हुआ, जहां भक्तों को भोजन और प्रसाद भी वितरित किया गया।
सौ मीटर तक लगी श्रद्धालुओं की लाइन
सोमवार सुबह जब कांवड़िए नहा-धोकर बाबा बउरहवा का जलाभिषेक करने पहुंचे तो मंदिर से सौ मीटर तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। भक्तों की संख्या इतनी अधिक थी कि मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो गई, जिसे नियंत्रित करने के लिए कोठीभार थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी उमाकांत सरोज और ग्राम प्रधान प्रदीप मिश्रा अपनी टीम के साथ मुस्तैदी से तैनात रहे।
जलाभिषेक कार्यक्रम अपराह्न तक चलता रहा, जिसमें सभी आयु वर्ग के भक्तों की सहभागिता रही। कहीं बच्चों के हाथों में बोल बम की तख्तियां थीं, तो कहीं महिलाएं और बुजुर्ग भी आस्था से ओतप्रोत दिखे।
श्रद्धा, सुरक्षा और सेवाभाव का अद्भुत संगम
इस आयोजन ने न केवल आस्था की गहराई को दर्शाया बल्कि समाज में सेवा और सहयोग की भावना को भी प्रकट किया। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर भंडारे तक, हर स्तर पर समर्पण और अनुशासन देखने को मिला। इस दौरान,बोल बम के जयकारों और गंगाजल की बूंदों से शिवभक्ति का जो वातावरण बना, वह वर्षों तक लोगों के दिलों में बसा रहेगा।