Bareilly News: छात्रों को पढ़ाई की सीख देना पड़ा भारी, शिक्षक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज

बरेली में स्कूल शिक्षक द्वारा “कांवड़ मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना” कविता गाने पर बवाल खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज किया गया है।

Updated : 15 July 2025, 2:03 PM IST
google-preferred

Bareilly: सावन के महीने में जहां पूरे उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा का उत्सव चल रहा है, वहीं बरेली जिले के एक शिक्षक की एक कविता ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। एमजीएम इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक रजनीश गंगवार द्वारा विद्यालय परिसर में छात्रों के सामने गाई गई एक कविता 'तुम कांवड़ लेने मत जाना... ज्ञान का दीप जलाना' सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो सामने आने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी।

वीडियो वायरल, हिंदू संगठनों का विरोध

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब शिक्षक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में वह स्कूल की प्रार्थना सभा के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कविता गाते नजर आ रहे हैं। कविता के शब्द कुछ यूं थे- 'तुम कांवड़ लेने मत जाना... ज्ञान का दीप जलाना', जिसका उद्देश्य उन्होंने पढ़ाई की अहमियत बताना बताया, लेकिन इस गीत को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई है।

महाकाल सेवा समिति नामक एक हिंदू संगठन ने इसे भगवान शिव की कांवड़ यात्रा का अपमान बताते हुए शिक्षक के खिलाफ बहेड़ी थाने में तहरीर दी। संगठन का आरोप है कि शिक्षक ने सावन के पवित्र महीने में शिवभक्तों की भावनाओं को आहत किया है।

मुकदमा दर्ज, पुलिस जांच में जुटी

महाकाल सेवा समिति की शिकायत पर पुलिस ने शिक्षक रजनीश गंगवार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वीडियो की सत्यता और प्रसंग की जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने मामले में आईटी एक्ट और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है।

शिक्षक का पक्ष: 'मेरा मकसद पढ़ाई के लिए प्रेरित करना था'

विवाद बढ़ने के बाद शिक्षक रजनीश गंगवार ने सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी धर्म या परंपरा का अपमान करना नहीं था। उन्होंने कहा, मैंने यह कविता छात्रों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए गाई थी। सावन में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसी भावना से प्रेरित होकर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि भक्ति के साथ शिक्षा को भी महत्व दें।

उन्होंने दावा किया कि वीडियो काफी पुराना है, और इसे जानबूझकर सावन के दौरान वायरल किया गया, ताकि गलत संदेश फैलाया जा सके।

शिक्षा विभाग का बयान

बरेली के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) डॉ. अजीत कुमार सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और प्राथमिक जांच कराई गई।

Location : 
  • Bareilly

Published : 
  • 15 July 2025, 2:03 PM IST