

सूफी संत हजरत वारिस अली शाह के पिता हजरत सैय्यद कुर्बान अली शाह दादामियां की याद में आयोजित होने वाला ऐतिहासिक देवा मेला 8 अक्टूबर से शुरू होगा।
ऐतिहासिक देवा मेला
बाराबंकी: सूफी संत हजरत वारिस अली शाह के पिता हजरत सैय्यद कुर्बान अली शाह दादामियां की याद में आयोजित होने वाला ऐतिहासिक देवा मेला 8 अक्टूबर से शुरू होगा। मेले का सरकारी उद्घाटन शेख मोहम्मद हसन गेट पर किया जाएगा। इसी दिन चादरपोशी के साथ उर्स के धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी।
सज्जादानशीन हाजी सैय्यद उस्मान ग़नी शाह के पुत्र सैय्यद अयान ग़नी के अनुसार, 9 अक्टूबर को दरगाह कल्लन मियां में मिलाद शरीफ और कर्बला के शहीदों की याद में कार्यक्रम होगा। 10 अक्टूबर को सज्जादानशीन पालकी में सवार होकर वारिस पाक दरगाह पहुंचेंगे और चादरपोशी करेंगे। उसी दिन महफ़िल-ए-कव्वाली व कुल शरीफ की रस्में होंगी।
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11 अक्टूबर की रात समा और कव्वाली का आयोजन रहेगा, और 12 अक्टूबर की सुबह कुल शरीफ अदा किया जाएगा। 13 अक्टूबर को दादामियां के आस्ताने का गुस्ल व प्रसाद वितरण होगा। मेले की प्रशासनिक तैयारियां जिला प्रशासन और मेला कमेटी द्वारा, जबकि धार्मिक रस्में सज्जादानशीन की देखरेख में होंगी। वारिस अली शाह दरगाह की व्यवस्थाएं 1917 से मसोलियम ट्रस्ट संभाल रहा है।
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अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त देवा महोत्सव को शुरू होने में अब दो सप्ताह से भी कम समय बचा है, लेकिन मेला परिसर की तैयारियों का हाल बेहद चिंताजनक है। जगह-जगह गंदगी के ढेर, टूटी नालियां, ध्वस्त ड्रेनेज व्यवस्था और जर्जर शौचालय अव्यवस्था की तस्वीर पेश कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाए गए हैंडपंप महीनों से खराब पड़े हैं, पानी की टंकी और पाइपलाइन की मरम्मत अब तक शुरू नहीं हो सकी है।