

संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत आज महराजगंज सीएचसी में जागरूकता रैली का आयोजन हुआ। समस्त विभाग के अधिकारियों के द्वारा संचारी के अन्तर्गत उनके विभाग के दायित्वों के साथ-ग्रामीण वासियों को संचारी रोग के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
जागरूकता रैली का आयोजन
Raabareli: रायबरेली के विकास खण्ड महराजगंज के ग्राम पंचायत मोन के मजरे नरायनपुर में संचारी रोग नियंत्रण अभियान (01 जुलाई से 31 जुलाई 2025) के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम करवाये गये। जिसमें खण्ड विकास अधिकारी वर्षा सिंह की अध्यक्षता में समस्त नोडल विभाग शिक्षा से खण्ड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव, पशु चिकित्सा विभाग से उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी उमेश चन्द्र, स्वास्थ्य विभाग से अधीक्षक गणनयाक पाण्डेय, बीसीपीएम शिवकान्त, एचईओ नन्दलाल, बाल विकास पुष्टाहर से सुपरवाइजर आशा यादव, कृषि विभाग से सहायक विकास अधिकारी (कृषि) वीरेन्द्र सिंह, ग्राम प्रधान श्यामकला, ग्राम पंचायत सचिव सर्वोत्तम सिंह, प्रधानाचार्य इत्यादि लोग उपस्थित रहें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कार्यक्रम के अन्तर्गत संचारी एंव स्वच्छता की शपथ दिलवायी गयी। समस्त विभाग के अधिकारियों के द्वारा संचारी के अन्तर्गत उनके विभाग के दायित्वों के साथ-ग्रामीण वासियों को संचारी रोग के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। ग्राम पंचायत मोन का चयन इसलिए किया गया, क्योंकि पिछले वर्ष वहाँ फाइलेरिया एंव अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज चिन्हित हुए थे।
संचारी के अन्तर्गत पूरे गांव में नालियों की साफ-सफाई, दवा एंव एन्टीलार्वा का छिडकाव, उथले हैण्डपम्प पर लालकास निशान, झाडियों की कटाई इत्यादि कार्यकम करवाये गयें।
अन्त में ग्राम पंचायत में समस्त विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों एंव प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के साथ रैली कर ग्राम पंचायत में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर कार्यक्रम का समापन किया गया।
टीबी उन्मूलन व जन जागरूकता सर्वेक्षण अभियान चलाया
वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायबरेली डॉ. नवीन चंद्रा के निर्देशन और जिला क्षय रोग अधिकारी की निगरानी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमावा के अधीक्षक डॉ. रोहित कटियार की देखरेख में टीबी उन्मूलन के लिए एक प्रभावशाली जनजागरूकता व सर्वेक्षण अभियान चलाया गया। इस अभियान का संचालन एम्स रायबरेली और टीबी यूनिट अमावा की संयुक्त टीम द्वारा किया गया, जिसने "टीबी को हराना है, देश को जिताना है" के संकल्प को गांव-गांव पहुंचाया।
इस विशेष अभियान का नेतृत्व एम्स रायबरेली की मुख्य शोधकर्ता डॉ. हिमांशी शर्मा ने किया। उनके साथ इंटर्न डॉ. आदर्श पांडेय और डॉ. अभिनव कटारिया ने सक्रिय भागीदारी निभाई। टीम ने घर-घर जाकर न केवल टीबी के लक्षणों और इलाज के बारे में जानकारी दी, बल्कि टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (TPT) की उपयोगिता को भी समझाया—जो संक्रमण को प्रारंभिक स्तर पर ही रोकने का एक प्रभावी उपाय है।
अभियान के केंद्र में रहे टीबी यूनिट अमावा के प्रभारी करुणा शंकर मिश्रा, जिनकी कार्यशैली, समर्पण और प्रभावशाली संवाद क्षमता ने ग्रामीण जनमानस को गहराई से प्रभावित किया।