

महराजगंज में नाले में लावारिस मिली 5-6 माह की दुधमुंही बच्ची ने मानवता को झकझोर दिया है। ऐसे में युवक की सजगता और पुलिस की तत्परता ने बच्ची की जान बचाई।
नौतनवा में नाले में मिली लावारिस दुधमुंही बच्ची
Maharajganj: महराजगंज जिले के नौतनवा बाईपास के भुंडी चौराहे के पास एक नाले में 5-6 माह की लावारिस दुधमुंही बच्ची मिलने की घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया, बल्कि मानवता पर भी सवाल खड़े कर दिए। आखिर कौन सी मजबूरी या क्रूरता एक मासूम को नाले में फेंकने को मजबूर करती है? इस सवाल के साथ ही एक युवक और पुलिस की संवेदनशीलता ने इस बच्ची की जिंदगी को नया मौका दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नौतनवा बाईपास पर एक दुकान में काम करने वाले शिवम को शनिवार देर शाम नाले से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज का पीछा करते हुए वह नाले तक पहुंचा, जहां उसने देखा कि एक छोटी सी बच्ची कीचड़ में सनी, भूख और ठंड से कांप रही थी। शिवम ने बिना देर किए बच्ची को नाले से निकाला, उसे साफ किया, कपड़े में लपेटा और तुरंत आपातकालीन सेवा 112 को सूचना दी।
नौतनवा : नाले में मिली लावारिस दुधमुंही बच्ची
➡️महराजगंज जिले के नौतनवा बाईपास के भुंडी चौराहे के पास की घटना
➡️करीब 5-6 माह की बच्ची नाले में लावारिस हालत में मिली
➡️घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया@Uppolice @maharajganjpol #Maharajganj #UttarPradesh pic.twitter.com/Q1qyjkJ68f— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 29, 2025
सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस
सूचना मिलते ही 112 की टीम और नौतनवा पुलिस मौके पर पहुंची। बच्ची की हालत देख पुलिस ने तत्काल दूध की व्यवस्था की और उसे पिलाया। इसके बाद बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रतनपुर ले जाया गया। सीएचसी में तैनात डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया, "बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वह 5-6 माह की है और स्वस्थ है। उसे कोई गंभीर समस्या नहीं है। चाइल्ड लाइन को सूचित कर दिया गया है।"
मानवता पर उठे सवाल
इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा और दुख दोनों पैदा किया है। स्थानीय निवासी राधिका देवी ने कहा, "यह कितनी शर्मनाक बात है कि कोई मासूम को इस तरह नाले में फेंक दे। समाज कहां जा रहा है?" वहीं, एक अन्य निवासी अजय वर्मा ने सवाल उठाया, "क्या हमारा समाज इतना असंवेदनशील हो गया है कि एक बच्ची को नाले में छोड़ दिया जाए? प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।"
पुलिस की कार्रवाई
नौतनवा थानाध्यक्ष पुरुषोत्तम राव ने बताया, "बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगर उसके माता-पिता का पता चलता है, तो कानूनी कार्रवाई के बाद बच्ची उन्हें सौंप दी जाएगी। साथ ही, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बच्ची को नाले में किसने और क्यों छोड़ा।"
मानवता की मिसाल
इस दुखद घटना के बीच शिवम की त्वरित कार्रवाई और नौतनवा पुलिस की संवेदनशीलता ने उम्मीद की किरण जगाई है। शिवम ने कहा, "मैंने सिर्फ वही किया जो कोई इंसान करता। उस मासूम को उस हालत में देखकर मेरा दिल दहल गया।" यह घटना समाज के सामने एक गंभीर सवाल छोड़ गई है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं? क्या जागरूकता, सामाजिक समर्थन या सख्त कानूनी कार्रवाई इसका समाधान हो सकती है? नौतनवा की इस मासूम की कहानी न केवल एक दर्दनाक हकीकत को उजागर करती है, बल्कि समाज को आत्ममंथन के लिए भी मजबूर करती है।