

गोरखपुर के गोला तहसील क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत गोला वार्ड नंबर 12 के भीटी गांव के निवासियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 227ए (रामजानकी मार्ग) के चौड़ीकरण कार्य में बड़ी अनियमितता का आरोप लगाया है। उपजिलाधिकारी गोला अमित कुमार जायसवाल और पीडब्लूडी के सीनियर इंजीनियर को शिकायती पत्र सौंपा। पढिए पूरी खबर
प्रशासन से की जांच की मांग
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गोला तहसील क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत गोला वार्ड नंबर 12 के भीटी गांव के निवासियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 227ए (रामजानकी मार्ग) के चौड़ीकरण कार्य में बड़ी अनियमितता का आरोप लगाया है। उपजिलाधिकारी गोला अमित कुमार जायसवाल और पीडब्लूडी के सीनियर इंजीनियर को शिकायती पत्र सौंपा। शिकायत में स्थानीय लोगों ने साफ-साफ आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में पीडब्लूडी अभियंता निर्धारित मानकों की अनदेखी कर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य कर रहे हैं
जमीन मालिकों को भारी नुकसान
शिकायतकर्ताओं में धर्मेन्द्र कुमार एडवोकेट, चंद्रभान गौड, बबलू मुस्तफा, गिरिजेश कुमार, इम्तियाज अहमद, जितेन्द्र, रईश, उदयभान, शतीष, चंचल, विनोद, बालकेश, आशीष, संजय, भृगुनाथ सहित दो दर्जन से अधिक ग्रामीण शामिल हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 227ए के चौड़ीकरण में मार्ग के दोनों ओर समान रूप से विस्तार किया जाना था। लेकिन कार्य में अनियमितता बरती जा रही है, जिससे एक तरफ 40 फीट चौड़ी सड़क बन रही है, जबकि दूसरी तरफ मात्र 10 फीट का ही चौड़ीकरण हो रहा है। इस प्रक्रिया से सड़क के किनारे स्थित जमीन मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जनता का भारी आर्थिक व सामाजिक नुकसान
शिकायत कर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि तकनीकी और कानूनी समीक्षा पूरी होने तक निर्माण कार्य को रोक दिया जाए। साथ ही अभियंताओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की निष्पक्ष जांच कर मानक के अनुरूप समान रूप से दोनों तरफ चौड़ीकरण सुनिश्चित कराया जाए। उनका कहना है कि अनियमित कार्य से जनता का भारी आर्थिक व सामाजिक नुकसान हो रहा है, जिसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा।
भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के खिलाफ उनका संघर्ष
इस मामले पर उपजिलाधिकारी गोला अमित जायसवाल ने कहा कि प्रारंभिक स्थलीय जांच की जा चुकी है। इसके बाद नायब तहसीलदार गोला रमाकांत चौहान के नेतृत्व में राजस्व टीम गठित कर पैमाईश कार्य शुरू कर दिया गया है। इस टीम में पीडब्लूडी के अभियंता तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी शामिल है। पैमाईश कर निशानदेही कर दी गई है। इसके साथ ही सड़क के किनारे बनी दुकानों व बंजर जमीन को चिन्हित करते हुए दो दिन का समय दिया गया है ताकि दुकान मालिक अपने सामान स्वयं हटा लें। नहीं तो प्रशासन जबरन उन्हें हटाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की कार्रवाई से उनका संघर्ष आसान हुआ है, लेकिन वे अंतिम परिणाम तक सतर्क रहेंगे। उन्होंने न्याय दिलाने की अपील करते हुए बताया कि भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के खिलाफ उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा।