

एएमयू ने यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने वैश्विक स्तर पर अकादमिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से यूनाइटेड किंगडम के प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से पुरातत्व, इतिहास, पर्यावरण अध्ययन और सतत विकास जैसे विषयों में दोनों संस्थानों के बीच सहयोग मजबूत होगा।
प्रो. हसन इमाम ने किए हस्ताक्षर
इस ऐतिहासिक समझौते पर एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून, रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान (आईपीएस) और इतिहास विभाग के सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी (सीएएस) के अध्यक्ष एवं समन्वयक प्रो. हसन इमाम ने हस्ताक्षर किए। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क की ओर से उपकुलपति एवं अध्यक्ष प्रो. चार्ली जेफरी, पुरातत्व विभाग की प्रमुख प्रो. निकी मिलनर और पर्यावरण एवं भूगोल विभाग के प्रमुख प्रो. रोलैंड गेहर्ल्स सहित वरिष्ठ शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।
शैक्षणिक गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने का कार्य
यह साझेदारी दोनों विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को मजबूत करने का काम करेगी। एमओयू के तहत, अगले पांच वर्षों में संयुक्त शोध परियोजनाओं, सह-लेखक शैक्षणिक प्रकाशनों, डेटा साझाकरण, कार्यशालाओं, सेमिनारों, विजिटिंग फेलोशिप, अतिथि व्याख्यान और छात्र और शोधकर्ता विनिमय कार्यक्रमों सहित कई संयुक्त पहल की जाएंगी। ये पहल न केवल शैक्षणिक ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगी बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी प्रदान करेंगी, जिससे उनके शोध क्षितिज का विस्तार होगा।
नए अवसर प्रदान करेगा
इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. हसन इमाम ने कहा, "यह समझौता हमारे साझा शोध दृष्टिकोण का प्रतीक है, खासकर इतिहास और पुरातत्व जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। यह सहयोग दोनों विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं को नए अवसर प्रदान करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे शोध की पहुंच का विस्तार करेगा।"
विकास के समाधान में योगदान देना
इस समझौते के बारे में एएमयू में संपर्क अधिकारी डॉ. आफताब आलम ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन दक्षिण एशिया के अतीत पर आधारित एएमयू की समृद्ध शोध परंपरा से प्रेरित है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य इस विरासत को संरक्षित करते हुए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसी समकालीन वैश्विक चुनौतियों के समाधान में योगदान देना है।" यॉर्क विश्वविद्यालय में संपर्क अधिकारी डॉ. एडम एस. ग्रीन ने भी इस साझेदारी के बारे में उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, "यह सहयोग वर्तमान वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और अतीत से प्राप्त गहन ऐतिहासिक और पुरातात्विक आंकड़ों का उपयोग करके समाज के हित में समाधान खोजने का अवसर प्रदान करता है। यह नवाचार और शैक्षणिक समृद्धि के लिए नए रास्ते प्रशस्त करेगा।"