

भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद जबरदस्त तनाव है। इसी बीच अखिलेश यादव ने बड़ी बात कही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव
लखनऊ: भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद जबरदस्त तनाव है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तकनीक और संवेदनशील सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर बयान दिया है।
उन्होंने इसे बेहद संवेदनशील मामला बताया है। जिससे आम आदमी की मुसिबते बढ़ती जा रही है। इसके साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, हम कभी किसी को अपना स्थायी दोस्त नहीं बता सकते।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, सपा अध्यक्ष ने लंबी पोस्ट के जरिए सरकार को कई मुद्दों पर आगाह किया। उन्होंने लिखा-'आज के दौर में जब लगभग हर किसी के हाथ में मोबाइल है, हर तरह के थल, वायु वाहन और यहां तक कि जहाज में भी जीपीएस लगा है और हर तरह की गतिविधि, चाहे वह प्रशासनिक हो, बैंकिंग हो या कई कई तरह के संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान हो ये सब इंटरनेट पर डिपेंड करता है।
अखिलेश यादव ने तकनीक को लेकर चेतावनी दी। सपा प्रमुख ने लिखा कि साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। यह सही है कि तकनीक का विकास वैश्विक है और तकनीक उसी से ली जाती है जो तकनीक के क्षेत्र में सबसे अधिक विकसित है, लेकिन ऐसी सेवाओं पर देश की सरकार का 'निर्णायक नियंत्रण' हर हाल में संभव होना चाहिए ।
उन्होंने लिखा कि चूंकि वैश्विक संबंध केवल हमारे हाथ में नहीं हैं, इसलिए इस क्षेत्र में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। 'अंतर्राष्ट्रीय संबंधों' में हम कभी यह नहीं कह सकते कि कोई किसी का स्थायी मित्र है, क्योंकि दूसरे देशों में राजनीतिक स्थितियां और आर्थिक नीतियां भी स्थायी नहीं होतीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंध व्यक्तिगत नहीं होते और अगर वे किसी खास अवधि में कुछ समय के लिए होते भी हैं, तो कोई भी इस बात की 'गारंटी' नहीं दे सकता कि वे हमेशा स्थायी रहेंगे। इसलिए ऐसे गंभीर मुद्दों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। आज के समय में क्या कोई यह मान सकता है या कहने की स्थिति में हो सकता है कि कोई हमारा 'स्थायी मित्र' है।
सपा प्रमुख ने लिखा- तकनीक दूसरे देशों से ली जा सकती है, लेकिन आत्मनिर्भरता के प्रयासों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए और न ही यह शर्त रखनी चाहिए कि हम जब चाहें इस तकनीक के संचालन या संचालन पर उचित नियंत्रण और प्रतिबंध लगा सकेंगे। यह देश की सुरक्षा और संरक्षा का बेहद संवेदनशील मुद्दा है, इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि एक तरफ सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर स्थानीय व्यापारियों को परेशान करती है, निवेशकों से कमीशन मांगती है, जिससे देश के उद्योगपति और स्टार्टअप हतोत्साहित होते हैं और दूसरी तरफ विदेशी कंपनियों के लिए 'स्वागत द्वार' बन जाती है। जब तक देश के व्यापारियों को सुरक्षित माहौल नहीं दिया जाएगा, तब तक देश में विकास के लिए सकारात्मक माहौल नहीं बन पाएगा।
इसके बजाय लक्ष्य यह होना चाहिए कि देश आत्मनिर्भर बने। सपा नेता ने लिखा कि यदि हमारे देश की कंपनियां दूसरे देशों की एजेंट बनी रहेंगी तो व्यापार तो विकसित हो सकता है लेकिन विकास और उत्पादन क्षमता घटती रहेगी। इसका सीधा असर देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी पर पड़ेगा। सरकार को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि विदेशी कंपनियों का लक्ष्य अपना मुनाफा बढ़ाना है, किसी दूसरे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना नहीं। एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना हमारे बड़े उद्देश्य नारे को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने से ही पूरा होगा: आओ मिलकर देश को आगे बढ़ाएं; हमारे अपने उत्पाद हों, हमारी अपनी सेवाएं हों। तभी हमारे छोटे-बड़े कारोबार टिकेंगे, सबको काम मिलेगा, सबके घर चलेंगे। कन्नौज सांसद ने लिखा- हमारे देश के सांस्कृतिक मूल्य और आदर्श, शांतिपूर्ण नीतियां, स्वतंत्रता, समानता, स्वावलंबन, एकता, अखंडता, रक्षा, भाईचारा, हर इंसान की गरिमा और प्रतिष्ठा, कल्याणकारी राज्य की अवधारणा, निरंतर विकास पर आधारित अर्थव्यवस्था ही मूल निर्णायक सिद्धांत होने चाहिए और कुछ नहीं, कोई नहीं।