

गोरखपुर के खजनी तहसील में मिशन शक्ति अभियान के तहत कक्षा 8 की छात्रा सोनम गुप्ता को एक दिन के लिए उपजिलाधिकारी (एसडीएम) नियुक्त किया गया। यह कार्यक्रम बेटियों को आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता से लैस करने का प्रेरक उदाहरण साबित हुआ।
कक्षा 8 की छात्रा बनी एक दिन की एसडीएम
Gorakhpur: महिला सशक्तिकरण और बेटियों को आत्मविश्वास से ओतप्रोत करने की दिशा में प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति अभियान के तहत सोमवार को खजनी तहसील ने एक अनोखी मिसाल पेश की। तहसील परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय भरोहिया, खजनी की कक्षा 8 की प्रतिभाशाली छात्रा सोनम गुप्ता को एक दिन का उपजिलाधिकारी (एसडीएम) खजनी बनाया गया।
सोनम गुप्ता ने एसडीएम का चार्ज संभालते ही कार्यालयीन कार्यों का जायजा लिया और जनता की समस्याओं को सुनने की प्रक्रिया को बारीकी से समझा। उनकी मेज पर फाइलें रखी गईं और कर्मचारियों ने औपचारिक तरीके से उन्हें कार्यप्रणाली की जानकारी दी। इस दौरान छात्रा ने आत्मविश्वास से भरे अंदाज में प्रशासनिक कार्यों को समझने की कोशिश की और उपस्थित अधिकारियों से सवाल-जवाब भी किए।
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इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी खजनी सावन कुमार दुबे, एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह, तहसीलदार, राजस्वकर्मी और शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने छात्रा सोनम को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह अवसर न सिर्फ उनके जीवन में एक यादगार क्षण है, बल्कि पूरे क्षेत्र की अन्य बालिकाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
एसडीएम राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। इसी श्रृंखला में छात्राओं को विभिन्न प्रशासनिक भूमिकाओं में अवसर देकर यह संदेश दिया जा रहा है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी सावन कुमार दुबे ने भी छात्रा की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आज की बालिकाएं कल की नेतृत्वकर्ता हैं। विद्यालय स्तर से ही उन्हें जिम्मेदारी और कर्तव्यों का एहसास कराना बेहद जरूरी है।
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छात्रा सोनम गुप्ता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें यह अवसर पाकर बेहद गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने संकल्प लिया कि आगे की पढ़ाई मन लगाकर पूरी करेंगी और एक दिन सचमुच प्रशासनिक अधिकारी बनकर समाज की सेवा करेंगी।
इस पूरे कार्यक्रम ने न केवल छात्रा को बल्कि वहां उपस्थित प्रत्येक बालिका और अभिभावक को यह विश्वास दिलाया कि शिक्षा और अवसर मिलने पर बेटियां हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना सकती हैं।