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गोरखपुर जिले में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। 368 नए मतदेय स्थलों की स्वीकृति से मतदाताओं को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। इस कदम से चुनाव की प्रक्रिया आसान और निष्पक्ष होगी।
मतदान प्रक्रिया
Gorakhpur: आगामी विधानसभा चुनावों को निष्पक्ष और सुगम बनाने के लिए गोरखपुर जिला प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है। अब जिले में मतदेय स्थलों (बूथों) की संख्या में 368 नए स्थलों की स्वीकृति दी गई है। जिससे अब कुल बूथ स्थलों की संख्या 4047 हो गई है। इससे पहले यह संख्या 3679 थी। इस फैसले का मकसद मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया में सहूलियत देने के साथ-साथ मतदान प्रतिशत को भी बढ़ाना है।
इस फैसले के साथ, जिला प्रशासन ने मतदाताओं को कई प्रकार की राहत देने का प्रयास किया है। अब मतदाताओं को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और मतदान केंद्रों पर भीड़-भाड़ से भी राहत मिलेगी। खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में असुविधा नहीं होगी। इसके अलावा, अब ज्यादा संख्या में मतदान केंद्र होने से मतदान प्रक्रिया और भी सरल और सुगम हो जाएगी।
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यह निर्णय गोरखपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया गया है। जिनमें कैंपियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, खजनी, चौरी चौरा, बांसगांव और चिल्लूपार शामिल हैं। इन क्षेत्रों में नए मतदेय स्थलों की संख्या बढ़ाई गई है। जिससे स्थानीय मतदाताओं को अधिक सुविधा मिलेगी। चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 515 नए मतदेय स्थलों का निर्धारण किया गया है। जिससे इस क्षेत्र के मतदाताओं को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी दीपक मीणा ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 25 के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के बाद यह आदेश जारी किया। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि नए मतदेय स्थलों की स्वीकृति का मकसद यह है कि चुनाव में कोई भी मतदाता मतदान से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम मतदान प्रतिशत बढ़ाने और चुनावों को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
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इस महत्वपूर्ण निर्णय से गोरखपुर की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी। प्रशासन का दावा है कि इस फैसले से चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में मदद मिलेगी। मतदाता सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है। आगामी चुनावों को अधिक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और प्रभावी बनाएगा।