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सहजनवां पाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत डोहरिया कला में सरकारी योजनाओं की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए बड़ा घोटाला सामने आया है। जिस पोखरे को कागजों में ‘अमृत सरोवर’ बताकर लाखों रुपये की मजदूरी निकाल ली गई, वहां आज भी खेती हो रही है।
डोहरिया कला में अमृत सरोवर का फर्जी घोटाला
Gorakhpur: सहजनवां पाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत डोहरिया कला में सरकारी योजनाओं की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए बड़ा घोटाला सामने आया है। जिस पोखरे को कागजों में ‘अमृत सरोवर’ बताकर लाखों रुपये की मजदूरी निकाल ली गई, वहां आज भी खेती हो रही है। मौके पर न तो खुदाई के निशान हैं और न ही किसी प्रकार का निर्माण कार्य। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने मिलकर 4.91 लाख रुपये का बंदरबांट कर डाला।
मनरेगा योजना के तहत यह घोटाला दो वित्तीय वर्षों में अंजाम दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस स्थान को रिकॉर्ड में “पेट्रोल पंप के पास स्थित पोखरा” दर्शाया गया है, वहां पेट्रोल पंप नाम की कोई चीज मौजूद ही नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि पूरे प्रकरण में फर्जी लोकेशन दिखाकर सरकारी धन की लूट की गई।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा के कच्चे कार्य के अंतर्गत 27 जनवरी 2024 से 19 मार्च 2024 तक कुल 19 मस्टर रोल (मस्टर रोल संख्या 4414 से 5172) के जरिए मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरकर 2.70 लाख रुपये निकाल लिए गए।जबकि मौके पर कोई कार्य होता हुआ नहीं दिखता।
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घोटाले का सिलसिला यहीं नहीं रुका। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी अमृत सरोवर का निर्माण केवल कागजों में दिखाया गया। 8 मई 2024 से 15 जुलाई 2024 के बीच 11 मस्टर रोल लगाकर 2.21 लाख रुपये और निकाल लिए गए। इस दौरान भी स्थल पर न तो खुदाई हुई और न ही तालाब का कोई स्वरूप बदला।
इस पूरे मामले की शिकायत रवि प्रताप पाण्डेय द्वारा सीएम पोर्टल सहित उच्चाधिकारियों से की गई है। शिकायतकर्ता ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और धन की रिकवरी की मांग की है।
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी शास्वत त्रिपुरारी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जांच सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगी या फिर अमृत सरोवर के नाम पर हुए इस घोटाले में शामिल जिम्मेदारों पर वास्तविक कार्रवाई होगी? ग्रामीणों की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं।